Coronavirus In India: भारत में कोविड-19 के 40 हजार नए केस आए, 111 दिनों में सर्वाधिक दैनिक मामले

Coronavirus In India: भारत में कोविड-19 के 40 हजार नए केस आए, 111 दिनों में सर्वाधिक दैनिक मामले
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नयी दिल्ली महाराष्ट्र और दिल्ली सहित देश के आठ राज्यों में कोविड-19 के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही भारत में केवल तीन दिनों में एक लाख मामले आ चुके हैं। देश में शनिवार को 40,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जो लगभग चार महीनों में सबसे बड़ी दैनिक वृद्धि है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को नवीनतम कोविड-19 अपडेट देते हुए कहा कि दूसरी ओर केरल में नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सबसे अधिक 27,126 नए मामले सामने आए, जो पिछले साल महामारी के प्रकोप के बाद से इस राज्य में सबसे अधिक मामले हैं, जबकि दिल्ली में इस साल पहली बार 800 से अधिक मामले सामने आए, तो वहीं राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर भी दो महीने के बाद एक प्रतिशत के आँकड़े को पार कर गई।

कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे लोग- गुलेरिया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को कहा कि मामलों में उछाल का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को लगता है कि महामारी खत्म हो गई है और वे कोविड से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। गुलेरिया ने आईपीएस (सेंट्रल) एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “संक्रमण में वृद्धि के कई कारण हैं, लेकिन मुख्य कारण यह है कि लोगों के रवैये में बदलाव आया है और उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस खत्म हो गया है। लोगों को अभी भी कुछ और समय के लिए गैर-जरूरी यात्रा को स्थगित करना चाहिए।’

टीकाकरण एक उपाय इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कोविड -19 टीका आठ से दस महीने और शायद इससे भी ज्यादा समय तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि टीके का कोई बड़ा दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि संक्रमण की श्रृंखला को रोकना होगा और इसके लिए टीका एक उपकरण है, लेकिन दूसरा है रोकथाम और निगरानी रणनीति। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 मानकों का पालन नहीं करना और लापरवाही उछाल का प्रमुख कारण है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश के कुल उपचाराधीन मरीजों में से 76.22 प्रतिशत मरीज सिर्फ महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में हैं, जबकि 62 प्रतिशत मरीज केवल महाराष्ट्र में हैं, वहीं, केरल और पंजाब में क्रमशः 8.83 प्रतिशत और 5.36 प्रतिशत उपचाराधीन मरीज हैं।

इन राज्यों में बढ़ रहे मामले मंत्रालय ने एक बयान में कहा, आठ राज्यों में दैनिक नए मामलों में तेज वृद्धि दिखाई दे रही है। ये राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा हैं। केरल में अब मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 40,953 नए मामले सामने आए, जो 111 दिन में सर्वाधिक मामले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,15,55,284 पर पहुंच गई है।

मामलों में लगातार 10वें दिन वृद्धि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के मामलों में लगातार 10वें दिन वृद्धि दर्ज की गई है। देश में अब भी 2,88,394 उपचाराधीन मरीज हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 2.49 प्रतिशत है, जबकि संक्रमण से ठीक होने की दर गिरकर 96.12 प्रतिशत रह गई है। भारत में महज तीन दिनों में एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को 39,726 लोग संक्रमित पाए गए थे जबकि बृहस्पतिवार को 35,871 लोगों के संक्रमण की चपेट में आने का पता चला था।

40,953 नए मामले पिछले 111 दिनों में सर्वाधिकसुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार एक दिन में आए 40,953 नए मामले पिछले 111 दिनों में सर्वाधिक हैं, जबकि 188 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 1,59,558 हो गई है। इससे पहले 29 नवंबर को 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 41,8120 नए मामले सामने आए थे। आंकड़ों के मुताबिक 1,11,07,332 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत है।

सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पारभारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख से पार चले गए थे। वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे।

बीते 24 घंटों में जिन 188 लोगों की मौत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक 19 मार्च तक 23,24,31,517 नमूनों की जांच की जा चुकी है। शुक्रवार को 10,60,971 नमूनों की जांच की गई। बीते 24 घंटों में जिन 188 लोगों की मौत हुई है उनमें से 70 की महाराष्ट्र, 38 की पंजाब तथा 17 लोगों की मौत केरल में हुई है। देश में अब तक इस वैश्विक महामारी से 1,59,558 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें 53,208 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 12,582 लोगों की तमिलनाडु में, 12,425 की कर्नाटक में, 10,953 की दिल्ली में, 10,301 की पश्चिम बंगाल में, 8,757 की उत्तर प्रदेश तथा 7,187 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक लोगों को अन्य बीमारियां भी थीं।

टीकाकरण आपूर्ति अधिक लोगों का टीकाकरण करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, वी के पॉल ने कहा कि टीके का यह मुद्दा सीमित है और यही कारण है कि प्राथमिकता तय की गई है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे पास असीमित आपूर्ति होती तो हम सभी के लिए टीकाकरण शुरू कर देते। यही कारण है कि हर किसी को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। दुनिया के अधिकांश देश इस वजह से प्राथमिकता समूह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।’ नीति आयोग के सदस्य ने यह भी कहा कि सबसे ज्यादा मृत्यु दर वृद्धावस्था वाले लोगों में देखी गई।

उन्होंने कहा, ‘इन लोगों को टीके लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसलिए संदेश यह है कि उन्हें इसकी आवश्यकता दूसरों की तुलना में अधिक है। यही कारण है कि उन्हें कोविड-19 टीके देने में प्राथमिकता दी गई है।’ उपलब्ध कोविड-19 टीकों- कोवैक्सीन और कोविशील्ड की प्रभावशीलता के बारे में बात करते हुए गुलेरिया ने कहा, ‘अगर हम दोनों टीकों को देखें, तो वे एक समान एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं और बहुत मजबूत हैं। हमें हमारे पास उपलब्ध टीके लगवाने चाहिए क्योंकि प्रभावकारिता और दीर्घकालिक सुरक्षा के संदर्भ में दोनों टीके समान रूप से प्रभावी हैं।’
देश में अब तक चार करोड़ से अधिक लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.