पीएम मोदी ने बंगाल के इन महान सपूतों को किया याद, जानें क्या है वजह

पीएम मोदी ने बंगाल के इन महान सपूतों को किया याद, जानें क्या है वजह
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कोलकातापश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कोलकाता के बिग्रेड ग्राउंड में रैली को संबोधित करने पहुंचे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बंगाल के महापुरुषों स्वामी विवेकानंद से लेकर सुभाष चंद्र बोस और महर्षि अरबिन्दो से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी तक का जिक्र किया। विधान चुनाव में पार्टी बंगाल के महापुरुषों का नाम लेकर यहां की जनता के दिल में उतरना चाहती है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिगेड ग्राउंड के आसपास, एक तरफ स्वामी विवेकानंद जी का जन्मस्थान है, दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निवास स्थान है। एक तरफ महर्षि श्री ऑरोबिन्दो का जन्मस्थान है, तो दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मस्थान है। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से मतदान शुरू होगा। यहां आठ चरणों में चलने वाला मतदान 29 अप्रैल को खत्म होगा। चुनाव परिणाम की घोषणा 2 मई को होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिगेड ग्राउंड के आसपास, एक तरफ स्वामी विवेकानंद जी का जन्मस्थान है, दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निवास स्थान है। एक तरफ महर्षि श्री ऑरोबिन्दो का जन्मस्थान है, तो दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मस्थान है।

PM Modi in West Bengal : पीएम मोदी ने बंगाल के इन महान सपूतों को किया याद, जानें क्या है वजह

कोलकाता

पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को कोलकाता के बिग्रेड ग्राउंड में रैली को संबोधित करने पहुंचे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बंगाल के महापुरुषों स्वामी विवेकानंद से लेकर सुभाष चंद्र बोस और महर्षि अरबिन्दो से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी तक का जिक्र किया। विधान चुनाव में पार्टी बंगाल के महापुरुषों का नाम लेकर यहां की जनता के दिल में उतरना चाहती है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिगेड ग्राउंड के आसपास, एक तरफ स्वामी विवेकानंद जी का जन्मस्थान है, दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निवास स्थान है। एक तरफ महर्षि श्री ऑरोबिन्दो का जन्मस्थान है, तो दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मस्थान है। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से मतदान शुरू होगा। यहां आठ चरणों में चलने वाला मतदान 29 अप्रैल को खत्म होगा। चुनाव परिणाम की घोषणा 2 मई को होगी।

​स्वामी विवेकानंद का जिक्र करना नहीं भूलते मोदी
​स्वामी विवेकानंद का जिक्र करना नहीं भूलते मोदी

पीएम मोदी अक्सर अलग-अलग मौके पर स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में कहा था कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे, पुराने धर्मों के मुताबिक नास्तिक वो है जो ईश्वर में भरोसा नहीं करता, लेकिन नया धर्म कहता है, नास्तिक वो है जो खुद में भरोसा नहीं करता। ये स्वामी विवेकानंद जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है।

​पराक्रम दिवस के रूप में नेताजी का जन्मदिन मनाने का फैसला
​पराक्रम दिवस के रूप में नेताजी का जन्मदिन मनाने का फैसला

मोदी सरकार ने हर वर्ष 23 जनवरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस (Parakram Divas) के तौर पर मनाने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने इस साल जनवरी में नेताजी बोस की जयंती पर कोलकाता में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पीएम मोदी ने विक्टोरिया महल में संबोधन में के दौरान कहा था कि आज के ही दिन मां भारती की गोद में वीर सपूत ने जन्म लिया था। उन्होंने आज़ाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी।

​महर्षि ऑरबिन्दो को फिर किया याद
​महर्षि ऑरबिन्दो को फिर किया याद

यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी ने महर्षि ऑरबिन्दो का जिक्र किया हो। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर, 2020 को रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में महर्षि अरविंदो घोष के बहाने पश्चिम बंगाल के वोटरों को साधने की कोशिश की थी। ऑरबिन्दो घोष को याद कर बांग्ला कविता पढ़ी थी। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि महर्षि ऑरबिन्दो घोष ने स्वदेशी को अपनाने के बारे में जो बातें कहीं थीं, उसे सभी लोगों को पढ़ना और समझना चाहिए। मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा को लेकर महर्षि की जो सोच थी, जो अपेक्षाएं थीं, उसे पूरा किया है।

​भारतीय जनसंघ के संस्थापक का सपना पूरा किया
​भारतीय जनसंघ के संस्थापक का सपना पूरा किया

पीएम मोदी ने भले ही एक बार फिर आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया हो लेकिन वह पहले भी कह चुके हैं कि मुखर्जी ने देश की एकता को मजबूत करने के लिए साहसिक प्रयास किए। मोदी का मानना है कि उनके विचारों और आदर्शों से देश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिलती है। जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष रहे मुखर्जी का जन्म 1901 में कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। जनसंघ का बाद में जनता पार्टी में विलय हो गया और 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी अनुच्छेद 370 का मुखर होकर विरोध करते थे। पार्टी ने इसे खत्म कर उनका सपना पूरा किया।

साभार : नवभारत टाइम्स

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