छत्तीसगढ़ मॉडल के साथ असम में संभावना तलाश रही कांग्रेस, नाराज सुस्मिता देव को मनाने में जुटी पार्टी

छत्तीसगढ़ मॉडल के साथ असम में संभावना तलाश रही कांग्रेस, नाराज सुस्मिता देव को मनाने में जुटी पार्टी
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नई दिल्ली
असम विधानसभा चुनाव में छोटे-छोटे दलों के साथ महागठबंधन बनाने के बाद कांग्रेस अब वोटरों को वादों के साथ लुभाने में जुट गयी है। पार्टी ने असम में प्रचार के लिए खास रणनीति बनायी है। इसके लिए छ्त्तीसगढ़ की तरह की असम में भी कांग्रेस ने कैंपेन को जमीनी स्तर पर और सकारात्मक बनाने का दावा किया गया है। राज्य में इस बार कांग्रेस के प्रभारी भी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल हैं। कांग्रेस रणनीतिकारों का दावा है कि उनका कैंपने लोगों से सीधा कनेक्ट कर रहा है और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा उसका असर दिखने लगेगा।

27 मार्च से तीन चरण में चुनावराज्य की 126 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव होने हैं जिसके तहत 6 अप्रैल को अंतिम चरण की वोटिंग होनी है। 2016 में बीजेपी ने 15 साल पुरानी कांग्रेस सरकार को हटाकर वहां पहली बार सत्ता में आयी है। कांग्रेस का दावा है कि इस बार वह नागरिकता संशोधन कानून और बीजेपी के सहयोगदी दलों में आयी दरार का लाभ उठाकर लोगों के बीच मजबूत विकल्प को लेकर सामने आयी है।

युवाओं को लुभाने की पूरी कोशिशपार्टी के अहम रणनीतिकार ने कहा कि इस बार पूरी तरह पॉजिटिव कैंपेन करने की योजना बनी है और समाज के हर वर्ग तक पहुंचने के लिए लंबा होमवर्क किया गया है। रणनीतिकार के अनुसार तरुण गोगोई के बाद पार्टी के पास न उस कद का न उतना सर्वमान्य नेता कोई था,अत: पार्टी ने संगठित एप्रोच से साथ मिलकर रणनीति बनायी। इसके लिए सभी नेताओं को एक साथ बसों में घुमाया गया। फिर आम लोगों के बीच अपनी बात ले जाने के निए असम बचाओ कैंपेन चलाया गया जिसमें युवाओं को प्रतियोगिता जीतने पर आई फोन तक दिये गये।

कांग्रेस विजन पर कर रही है ज्यादा फोकसपार्टी के अनुसार चुनाव में पांच सालों में बीजेपी सरकार की खामियों को तो गिनाएगी ही साथ ही अगले पांच सालों के विजन पर अधिक फोकस करेगी। इनमें साथ ही इस बार चुनाव प्रचार पर पूरी तरह फोकस करने के लिए टिकट वितरण के लिए पार्टी की मीटिंग भी असम में ही हुई जहां पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और दूसरे वरीय नेता जूम के माध्यम से मीटिंग में शामिल हुए। साथ ही चुनाव में प्रियंका गांधी को चुनाव में सरप्राइज फैक्टर की तरह पेश करने की योजना बनायी गयी।

कितना असर होगा प्रियंका गांधी की रैली कापार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि पिछले हफ्ते प्रियंका गांधी का दौरा बेहद सफल रहा। इसी दौरे के दौरान पार्टी ने वोटरों के बीव अपने अहम वादे पेश किये। पार्टी ने जो अहम वादे किये हैं उसके अनुसार-असम में ऐसा कानून बनायेंगे जिससे सीएए वहां लागू नहीं होगा। वहीं असम की गृहणियों के लिए प्रति माह 2000 रू गृहणी सम्मान राशि देने का वादा किया गया। इसके लिए मुफ्त बिजली और चाय के बागान के श्रमिकों को प्रति दिन 365 रू का पारिश्रमिक देने का वादा किया गया। महिलाओं के अलावा युवाओं पर फोकस करने का दावं रखा गया जिसके तहत युवाओं को 5 लाख रोजगार देने का वाद किया गया है। इसके लिए पार्टी युवाओं का रजिस्ट्रेशन भी अभी से करवा रही है। लेकिन इनके बीच पार्टी को पता है कि उसे बीजेपी की मजबूत टीम से मुकाबला करना
है। साथ ही गठबंधन को एकजुट रहकर टिकट वितरण की भी चुनाैती है।

सुस्मिता देव नाराज,पार्टी का दावा मना लेंगेवहीं पार्टी की चिंता तब बढ़ी जब राज्य से पार्टी की कद्दावर महिला नेता सुस्मिता देव के नाराज होने की खबर आयी। हालांकि उनके पार्टी छोड़ने की खबर के बीच साफ किया गया कि वह अभी भी पार्टी में हैं और जो भी मतभेद थे वह दूर कर दिये गये। सूत्रों के अनुसार सुस्मिता देव को अपने ही इलाके में मिल रही उपेक्षा से नाराजगी है। उनके इलाके में कांग्रेस ने कुछ सीट एआईयूडीएफ को दिये हैं। वहीं कांग्रेस ने जो टिकट बांटे वह भी उनकी ओर से सुझाए नाम थे। इसके बाद सुस्मिता ने पार्टी छोड़ने की धमकी देने के बीच पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की। इसके बाद दावा किया गया कि अब सबकुछ ठीक है। सुस्मिता महिला कांग्रेस की अध्यक्ष है और लोकसभा सांसद भी रह चुकी है। पिछली बार वह लोकसभा चुनाव हार गयी थी। राज्य में . कांग्रेस, एआईयूडीएफ सहित आठ पार्टियों के महागठबंधन के साथ चुनाव में उतर रही है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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