फारूक अब्दुल्ला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा – सरकार से अलग राय राजद्रोह नहीं

फारूक अब्दुल्ला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा – सरकार से अलग राय राजद्रोह नहीं
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
सरकार के मत से अलग विचार जाहिर करना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-370 पर जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला के बयान के मामले में उनके खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में कहा गया था कि फारूक अब्दुल्ला ने 370 को बहाल करने का जो बयान दिया है वह राजद्रोह है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई के लिए याचिका
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता रजत शर्मा और डॉक्टर नेह श्रीवास्तव ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने बयान दिया है कि अनुच्छेद-370 बहाल होना चाहिए और इस तरह का बयान चीन और पाकिस्तान का समर्थन करता है। आरोप लगाया गया कि अब्दुल्ला ने जो बयान दिया है कि उससे जाहिर होता है कि वह जम्मू कश्मीर को चीन और पाकिस्तान के हवाले करना चाहते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ राजद्रोह यानी आईपीसी की धारा-124 ए के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

याचिका लगाने वाले पर लगाया जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के मत से अलग मत रखना और व्यक्त करना राजद्रोह नहीं बनता है। अदालत ने याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज करते हुए उन पर 50 हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया है।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि अब्दुल्ला ने जो बयान दिया है उससे वह जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच देश विरोधी भावना पैदा कर रहे हैं। वह चीन और पाकिस्तान के हवाले राज्य को करना चाहते हैं। उनकी सदस्यता को खत्म किया जाए और उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया जाए।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.