जहां रामायण की रचना हुई….. अकबर vs रमानी केस में कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियां

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नई दिल्ली
यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि के मुकदमे को खारिज करते हुए बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं। उनमें से कुछ टिप्पणियां इस प्रकार हैं-

– किसी महिला को यौन शोषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाने पर आपराधिक मानहानि के बहाने दंडित नहीं किया जा सकता है क्योंकि महिलाओं के जीवन और सम्मान की कीमत पर प्रतिष्ठा के अधिकार को संरक्षित नहीं किया जा सकता है।

– यह शर्मनाक है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा की घटनाएं ऐसे देश में हो रही हैं जहां महिलाओं के सम्मान के विषय पर महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्यों की रचना की गयी।

– किसी महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत अपनी पसंद के किसी मंच पर रखने का अधिकार है।

– यह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि ज्यादातर समय यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का अपराध बंद दरवाजों के पीछे या निजी तौर पर किया जाता है।

– समय आ गया है कि हमारा समाज यौन शोषण और उत्पीड़न और पीड़ितों पर उनके प्रभाव को समझे।

– समाज को समझना चाहिए कि दुर्व्यवहार करने वाला व्यक्ति बाकी लोगों की ही तरह है और उसका परिवार और दोस्त हैं तथा समाज में भी उनका सम्मान है।

– यौन शोषण के शिकार लोग कई सालों तक इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते क्योंकि कभी-कभी उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं होता है कि वे पीड़ित हैं और यह मानकर चलते हैं कि उनकी ही गलती है।

– ज्यादातर महिलाएं जो ऐसे दुर्व्यवहार झेलती हैं, वे इसके बारे में शर्म या सामाजिक कलंक को लेकर इसके खिलाफ नहीं बोलती हैं। यौन शोषण महिला की गरिमा और उनके आत्मविश्वास को छीन लेता है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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