मां, अब केक फीका लगता है… बेटी बांसुरी ही नहीं, बर्थडे पर पूरे देश को याद आ रहीं सुषमा

मां, अब केक फीका लगता है… बेटी बांसुरी ही नहीं, बर्थडे पर पूरे देश को याद आ रहीं सुषमा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्लीएक ओजस्वी वक्ता, आदर्श राजनेता, मिलनसार और मधुर व्यक्तित्व की धनी और ना जाने कितने गुण… पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता रहीं दिवंगत पर लोग उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। सोशल मीडिया ट्विटर पर उन्हें याद करने वालों का तांता लगा है। यही वजह है कि #SushmaSwaraj आज टॉप ट्रेंडिंग है। सुषमा को जानने-मानने और चाहने वाले आज अपनी दिवंगत नेता को अलग-अलग रूप में याद कर रहे हैं। कोई उनके ओजस्वी भाषणों को याद कर रहा है तो कोई उनके राजनीतिक और कूटनीतिक कौशल को।

जयंती के मौके पर सुषमा को याद करने वालों में न केवल नेता बल्कि आम लोगों की भी भरमार है। उन्हें चाहने वाले अपने मन में संजोई हर बात से दुनिया को वाकिफ करवाने को उत्सुक दिख रहे हैं। अरुण शर्मा लिखते हैं, “क्वीन जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। मेरे दिल में आप हमेशा विराजमान रहेंगी मेरी आदर्श नेता।”

वहीं, बांसुरी स्वराज ने अपनी मां को याद करते हुए जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मां के साथ अपनी पुरानी तस्वीर शेयर की और कहा कि अब बर्थडे का केक फीक लगने लगा है।

ट्विटर हैंडल @knowthenation ने एक बेहद आकर्षक वीडियो में सुषमा की जीवनी समेटी है। इस वीडियो में सुषमा बचपन से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों की काफी यादगार और मोहक तस्वीरें हैं।

वहीं, फिल्म निर्मता अशोक पंडित समेत कई अन्य लोगों ने सुषमा स्वराज का लोकसभा में दिया गया वो बहुचर्चित भाषण शेयर किया है जिसमें सुषमा स्वराज ने बीजेपी पर सांप्रदायिक होने के आरोपों का काफी धारदार जवाब दिया है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी सुषमा स्वराज को याद किया है। उन्होंने विदेश सचिव के तौर पर सुषमा स्वराज के अधीन काम किया था। आज उन्होंने कहा कि वो सुषमा हमेशा बहुत याद करते हैं।

पाकिस्तान से आया था सुषमा का परिवार
सुषमा स्वराज का जन्म 4 फरवरी, 1952 को हरियाणा की अंबाला छावनी में हुई थी। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सम्मानित सदस्य थे। उनका परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा इलाके का निवासी था जो अब पाकिस्तान में है। सुषमा 70 के दशक में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गई थीं।

उन्होंने अपने जीवन काल में सुप्रीम कोर्ट की वकील से लेकर देश की पहली महिला विदेश मंत्री तक, जिस भी भूमिका में आईं, उसे यादगार बना गईं। 6 अगस्त, 2019 को इस महान हस्ती ने अंतिम सांस ली। जाने से पहले उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हट गया। दरअसल, मोदी सरकार ने एक दिन पहले ही 5 अगस्त, 2019 को यह ऐतिहासिक निर्णय किया था।

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.