किसानों पर आंसू गैस और लाठी चार्ज क्यों? संसद में बोली सरकार- कोई विकल्प नहीं बचा था

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नयी दिल्ली
26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले क्यों दागे और लाठी चार्ज क्यों किया? सरकार ने संसद में इस सवाल का जवाब दिया है। मंगलवार को सरकार ने लोकसभा में कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने ‘दंगे, आपराधिक बल और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आक्रामक ढंग से सहारा’ लिया। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि सितंबर से दिसंबर 2020 के बीच प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज किए गए।

आत्महत्या का एक मामला और… उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे और कोविड-19 महामारी के बीच बिना मास्क के बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए। रेड्डी ने कहा, ‘जहां तक दिल्ली का सवाल है तो पुलिस ने सूचित किया है कि सितंबर-दिसंबर, 2020 के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 39 मामले दर्ज किए गए।’

मंत्री के बयान से यह भी स्पष्ट है कि ये 39 मामले 26 जनवरी को हुई किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संदर्भ में दर्ज मामलों से अलग हैं। रेड्डी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से सूचित किया गया है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान आत्महत्या का एक मामला दर्ज किया गया।

पढ़िए, दिल्ली पुलिस के ऐक्शन पर क्या कहाकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कहा कि प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। साथ ही हिंसा भड़काने की भी कोशिश हुई। टैक्ट्रर रैली के दौरान जबरन पुलिस बैरिकेड्स को पार किया गया और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को उनकी ड्यूटी करने से रोका गया।

काफी उग्र हो गए थे किसान…लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर जवाब दे रहे केंद्रीय मंत्री से जब प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल और पुलिस लाठीचार्ज पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों में आंदोलनकारी किसानों के बड़े काफिले ने उग्र तरीके से अपना रास्ता अख्तियार कर लिया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए।

पुलिस के पास नहीं था कोई विकल्परेड्डी ने बताया कि उन्होंने (आंदोलनकारी किसानों) आक्रामक रुख अपना लिया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने लिखित जवाब में कहा कि सार्वजनिक बल के अधिकारियों को उनके काम करने से रोका गया। उनके खिलाफ आपराधिक बल का इस्तेमाल किया, जिससे ऑन-ड्यूटी पुलिस कर्मियों को चोटें आईं। रेड्डी ने कहा कि किसानों की हरकतों से दिल्ली पुलिस के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस, पानी की तोपों और हल्के बल का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

साभार : नवभारत टाइम्स

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