दिल्ली हिंसा: ट्विटर ने 'फेक पोस्ट' को लेकर 250 अकाउंट्स को किया ब्लॉक

दिल्ली हिंसा: ट्विटर ने 'फेक पोस्ट' को लेकर 250 अकाउंट्स को किया ब्लॉक
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नई दिल्‍ली
माइक्रो-ब्‍लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने दिल्‍ली में किसान परेड को लेकर कथित रूप से भ्रामक ट्वीट करने वाले कुछ हैंडल्‍स पर भारत में रोक लगा दी है। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के निर्देश पर ऐसा किया गया है। इसमें ‘द कारवां’ मैगजीन समेत कुछ पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट्स के अकाउंट्स शामिल हैं। ट्विटर ने जिन हैंडल्‍स पर रोक लगाई है, उनमें ‘किसान एकता मोर्चा’ का अकाउंट भी शामिल है। इसी को किसान नेताओं ने ट्विटर पर अपना आधिकारिक अकाउंट बताया था। इनसभी के प्रोफाइल पर क्लिक करने पर लिखकर आ रहा है कि संबंधित अकाउंट पर ‘एक कानूनी मांग के जवाब में भारत में रोक लगा दी गई है।’ किसान रैली के हिंसक होने के बाद, 27 जनवरी को ट्विटर ने कहा था कि उसने 300 से ज्‍यादा अकाउंट्स को सस्‍पेंड कर दिया था।

किनके अकाउंट्स पर लगी है रोक?मोहम्‍मद सलीम, CPI (M) के पूर्व राज्‍यसभा सांसद
शशि शेखर, प्रसार भारती के सीईओ
सुशांत सिंह, ऐक्‍टर
आरती, आम आदमी पार्टी
हंसराज मीणा, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
संजुक्‍ता बासु, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
मोहम्‍मद आसिफ खान, पॉलिटिकल ऐक्टिविस्‍ट
द कारवां, मैगजीन
किसान एकता मोर्चा

इनके अलावा ट्विटर ने कुछ ट्रोल/अनोनिमस अकांउट्स पर भी रोक लगाई है। दूसरी तरफ, सरकारी ब्रॉडकास्‍टर प्रसार भारती ने अपने सीईओ का ट्विटर अकाउंट करने पर ट्विटर से सफाई मांगी है।

क्‍यों लगाई गई रोक? न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने ट्विटर को करीब 250 ऐसे अकाउंट्स पर रोक लगाने के लिए कहा था जो #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के तहत आपत्तिजनक और भड़काऊ ट्वीट्स कर रहे थे। ये ट्वीट्स 30 जनवरी को किए गए। MEITY ने यह कदम गृह मंत्रालय और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर उठाया था। आशंका थी कि ऐसे ट्वीट्स से कानून-व्‍यवस्‍था की स्थिति बिगड़ सकती थी।

ट्विटर ने इस ऐक्‍शन पर क्‍या कहा?विभिन्‍न अकाउंट्स पर रोक लगाने को लेकर ट्विटर का बयान आया है। न्‍यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कंपनी का कहना है, “अगर कोई अधिकृत संस्‍था ठीक से अनुरोध करती है तो किसी देश में कुछ कंटेंट का एक्‍सेस रोकना जरूरी हो सकता है। अभ‍िव्‍यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए पारदर्शिता जरूरी है, इसलिए रोके गए कंटेंट के लिए हमारी एक नोटिस नीति है। कंटेंट पर रोक लगाने का अनुरोध मिलने पर, हम प्रभावित खाताधारक को जानकारी देते हैं।”

दिल्‍ली पुलिस ने भेजा ताजा नोटिसकिसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं समेत 50 लोगों को ताजा नोटिस भेजा है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 44 लोगों के विरुद्ध नोटिस जारी किया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने कई लोगों की पहचान की है और उन्हें नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। पुलिस के अनुसार हिंसा के दौरान इस्‍तेमाल हुए कुछ ट्रैक्टरों की पहचान की गई है और उनके मालिकों को नोटिस भेजा गया है। पुलिस ने कहा कि नोटिस भेजने में इसलिए समय लग रहा है क्योंकि कई लोग दिल्ली के निवासी नहीं हैं और उनके पते पर पत्र भेजे जा रहे हैं।

दिल्ली पुलिस के टीमें पंजाब और हरियाणा समेत राष्ट्रीय राजधानी के बाहर कई जगहों पर जांच कर रही हैं। हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस उन लोगों की तलाश भी कर रही है जिन्होंने लाल किले पर झंडा लगाया था। फोरेंसिक टीमें सबूत इकट्ठा करने के लिए गाजीपुर, लाल किला और आईटीओ भी गए थे। पुलिस ने कहा कि उन्होंने गांठ बंधी एक बड़ी सी रस्सी समेत कई साक्ष्य एकत्र किए हैं। उन्होंने कहा कि रस्सी का इस्तेमाल लाल किले पर चढ़ने के लिए किया गया था। शनिवार तक पुलिस को जनता से 1,700 वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त हुए जिनसे हिंसा से संबंधित जांच में सहायता मिल सकती है। (भाषा से इनपुट्स सहित)

साभार : नवभारत टाइम्स

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