Bird Flu in India: कोविड-19 ही नहीं, H5 N1 से भी चीन ने ही डराया था

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नई दिल्ली
दुनिया के तमाम देशों में कोरोना महामारी फैलाने वाले चीन पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं। जहां कोरोना से अब तक पूरी दुनिया में 8 करोड़ 56 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और इससे मरने वालों की संख्या 18.5 लाख के पार हो गई है, भारत में भी 1 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन कोरोना के बाद अब भारत समेत दुनिया के कई देशों में बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है।

1996 में चीन में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था
H5N1 फ्लू वायरस के भी तार चीन से ही जुड़े हैं। 1996 में इस वायरस का पहला मामला चीन में सामने आया था। वहीं 1997 में हांगकांग में कुछ लोगों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व में 50 से अधिक देशों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए। बांग्लादेश, चीन, भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम में इस वायरस का प्रकोप अधिक रहता है।

पहली बार चीन से लौटे यात्री में हुई थी पुष्टि
जनवरी 2014 में, कनाडा ने अमेरीका में H5N1 वायरस से संक्रमित होने की जानकारी दी थी। अमेरीका में यह पहला केस था। चीन से लौटे एक यात्री में इस वायरस की पुष्टि हुई थी। इससे पहले अमेरीका में एशियन H5 N1 का मामला सामने नहीं आया था। इसके बाद चीन के कुछ प्रांतों में पिछले साल इस फ्लू के खतरनाक रूप के मामले सामने आए थे। चीन के शयोयांग शहर के शुआनक्विंग जिले के एक फॉर्म में संक्रमण फैलने के बाद कई मुर्गियों को एहतियातन मार दिया गया था।

भारत ही नहीं बर्ड फ्लू की चपेट में यूरोप के कई देश
हाल ही में हिमाचल प्रदेश के पोंड डैम इलाके में लगभग 1200 प्रवासी पक्षियों के मरने की खबर सामने आई। इसके बाद से ही राज्य सरकारें इसके लिए बैठकें कर रही हैं। कई राज्य सरकार सतर्क हैं और इसको लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है। भारत ही नहीं बर्ड फ्लू ने यूरोप के कई देशों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बर्ड फ्लू इतना घातक होता है कि यह जानवरों और पक्षियों के अलावा इंसानों में तेजी फैलती है और कुछ ही दिनों में इससे मौत भी हो जाती है। इसलिए सरकार ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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