कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल से समझौता नहीं किया जाएगा : हर्षवर्धन

कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल से समझौता नहीं किया जाएगा : हर्षवर्धन
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नई दिल्ली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीका के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में अफवाहोंऔर भ्रामक सूचनाओं का शिकार नहीं होने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में टीके का पूर्वाभ्यास चल रहे दो स्थानों का दौरा किया।

भारत में व्यापक टीकाकरण अभियान चलाने की क्षमता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक किस तरह से टीका लगाया जाएगा है, इस बारे में ब्योरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन लाभार्थियों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित इससे कम उम्र के लोग शामिल हैं। उन्होंने व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान की देश की क्षमता पर संदेहों को खारिज कर दिया और बताया कि किस तरह से भारत में टीकाकरण अभियान और दुनिया के इस तरह के सबसे बड़े कार्यक्रम को चलाने की अद्भुत क्षमता है। हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हमारी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के कारण भारत को 2014 में पोलियो मुक्त घोषित किया गया। पोलियो टीकाकरण अभियान सहित पहले हुए टीकाकरण अभियान में हमारे समृद्ध अनुभव का इस्तेमाल देश भर में कोविड-19 टीकाकरण को मूर्त रूप देगा।’’

सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को किया खारिज
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने पहले शाहदरा में जीटीबी अस्पताल का दौरा किया और फिर दरियागंज में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए। टीके के बुरे प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विभिन्न पोस्ट को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 टीके की सुरक्षा और इसके प्रभाव को लेकर चल रही अफवाहों से गुमराह नहीं हों। टीके को मंजूरी देने से पहले हम किसी तरह के प्रोटोकॉल से समझौता नहीं करेंगे।’’

पोलियो उन्मूलन अभियान को लेकर भी थी दुविधा, लेकिन…
हर्षवर्धन ने कहा कि जब पोलियो उन्मूलन के लिए देश में अभियान चलाया गया तब भी उसके टीके को लेकर दुविधा की स्थिति थी, लेकिन हमें ‘‘इसकी सफलता को याद रखना चाहिए।’’ मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस तरह की किसी भी रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करने से पहले सावधानी बरतें, जवाबदेही निभाएं और सभी तथ्यों की जांच कर लें। हर्षवर्धन ने दरियागंज के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कहा कि मोदी सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है।

स्वास्थ्य मंत्री की मीडिया से भी अपील
हर्षवर्द्धन ने मीडिया से कहा, ‘‘1994 के पोलियो उन्मूलन अभियान से मुझे निजी अनुभव है कि किस तरह देश के लोगों ने टीके के विज्ञान पर भरोसा किया न कि अफवाह फैलाने वालों की झूठी बातों में आए।’’ सुदूर इलाकों तक टीका पहुंचाना सुनिश्चित करने के बारे में हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश में शीत श्रृंखला संरचना को काफी उन्नत किया गया है ताकि अंतिम स्थान तक टीके की आपूर्ति की जा सके और पर्याप्त संख्या में सिरिंज और अन्य साजो-सामान भी मुहैया कराए गए हैं। जीटीबी अस्पताल में तैयारियों पर संतोष जाहिर करते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि कर्मियों के प्रशिक्षण सहित पूरा टीकाकरण प्रक्रिया व्यस्थित रूप से चल रही है।

2 जनवरी को देश के 285 स्थानों पर टीकाकरण का ड्राइ रन
उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत विचार-विमर्श के बाद संबंधित पक्षों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं और हरेक पहलु पर ध्यान दिया गया है।’’ इसने कहा, ‘‘वास्तविक टीकाकरण प्रक्रिया से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को पूरे देश में 285 स्थानों पर पूर्वाभ्यास किया ताकि कोविड-19 टीकाकरण को सुचारू रूप से चलाया जा सके, जिसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘को-विन’ काफी महत्वपूर्ण है जो टीके के भंडारण, भंडारण के उनके तापमान और कोविड-19 टीका के लाभार्थियों पर व्यक्तिगत रूप से नजर रखने के बारे में सही सूचना मुहैया कराएगा। मंत्री ने कहा कि पूरी संचालन योजना और आईटी प्लेटफॉर्म की जांच चार राज्यों -आंध्रप्रदेश, असम, गुजरात, पंजाब में की गई और इससे प्राप्त फीडबैक के आधार पर व्यवस्था को कुछ और उन्नत किया गया।

साभार : नवभारत टाइम्स

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