खट्टर पर कैप्टन का पलटवार- मैं भड़का रहा होता तो हरियाणा के किसान दिल्ली क्यों जा रहे?

खट्टर पर कैप्टन का पलटवार- मैं भड़का रहा होता तो हरियाणा के किसान दिल्ली क्यों जा रहे?
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चंडीगढ़
कृषि विधेयकों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब की राज्य सरकारें आमने सामने आ गई हैं। संविधान दिवस के दिन कैप्टन ने बीजेपी की सरकार पर किसानों के खिलाफ हथियार उठाने और उन्हें भड़काने का आरोप लगाया। खट्टर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कैप्टन कोरोना काल में किसानों को भड़का रहे हैं और उनका जीवन खतरे में डाल रहे। इसपर कैप्टन ने फिर ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार ही कोरोना काल में कृषि विधेयक को लागू कराने आई थी।

के जवाब के बाद कैप्टन अमरिंदर ने फिर उनपर कटाक्ष किया। कैप्टन ने कहा- खट्टर जी, मैं आपके जवाब को सुनकर अचंभित हूं। आप मुझे नहीं, बल्कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर विश्वास में लीजिए। आपको उनके दिल्ली चलो मार्च से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। अगर आपको लगता है कि किसानों को मैं भड़का रहा हूं तो हरियाणा के किसान भी इस प्रदर्शन में क्यों शामिल हो रहे हैं।

कैप्टन ने एक अन्य ट्वीट में कहा- आप कह रहे हैं कोरोना काल में मैं किसानों का जीवन संकट में डाल रहा हूं। असल में बीजेपी की केंद्र सरकार ने ही कृषि बिलों को कोरोना काल के बीच लागू कराया है और उसने एक बार भी ये नहीं सोचा कि किसानों पर इसका असर क्या होगा। खट्टर जी, आपको किसानों से बात करने में दिक्कत क्या है?

कैप्टन ने पूछा था सवाल
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को बीजेपी से ट्विटर पर अपील करते हुए कहा कि वो अपनी राज्य सरकार को किसानों के खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल की नीति छोड़ने को कहे। जो किसान देश को अन्न देते हैं, उनकी बात सुनने की जरूरत है, ना कि उन्हें किनारे कर देने की। ये दु:खद है कि संविधान दिवस के दिन किसानों के संवैधानिक अधिकारों को इस तरह से कुचला जा रहा है। मैं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से अपील करता हूं कि वो किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से राज्य पार करने दें और उन्हें इजाजत दें कि वह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात दिल्ली तक ले जा सकें।

पंजाब में तो उग्र नहीं हुए किसान: कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब में दो महीने से शांतिपूर्ण तरीके से किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। हरियाणा की सरकार आखिर पुलिस बल का प्रयोग करके इन किसानों को क्यों भड़का रही है? क्या किसानों के पास एक पब्लिक हाइवे से शांतिपूर्ण तरीके से कहीं जाने का अधिकार भी नहीं है?

MSP खत्म हुई तो मैं छोड़ दूंगा राजनीति: खट्टर
कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर ट्विटर पर ही जवाब देते हुए खट्टर ने कहा कि ‘कैप्टन अमरिंदर जी, मैंने पहले भी कहा और अब दोबारा कह रहा हूं कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई आंच आई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। कृपा करके आप किसानों को भड़काना बंद कर दें।’

‘तीन दिन से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा’
मनोहर लाल खट्टर ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि मैं तीन दिन से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन आप ने इससे दूर रहने का फैसला किया है। ये बताता है कि आप किसानों के मुद्दे पर कितने गंभीर हैं। आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से भाग रहे हैं। आपके झूठ और प्रोपोगैंडा का वक्त खत्म हो गया है। लोगों को अपना असली चेहरा देखने दीजिए। मैं अपील करता हूं कि आप लोगों के जीवन से ना खेलें और कोरोना के वक्त ऐसी घटिया राजनीति छोड़ दें।

अकाली दल ने किया किसानों का समर्थन
किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी इस आंदोलन और किसानों की मांग के साथ है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘किसानों को हमारा पूरा सहयोग है। उनके मन में एक बात है जिसके चलते वो पॉलिटिकल झंडे के नीचे कैंपेन शुरू नहीं करना चाहते। इस वक्त सभी पार्टियों के किसान इकट्ठा हैं। हमारी पार्टी को जैसा आदेश दिया जाएगा हम उसका पालन करेंगे।’

फरीदाबाद, गुड़गांव बॉर्डर पर सख्त सुरक्षा इंतजाम
बता दें कि किसानों के ‘दिल्‍ली चलो’ मार्च को लेकर स्थिति गंभीर हो रही है। फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद से लगी सीमाओं पर भारी फोर्स तैनात है। सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। पुलिस के मुताबिक, कोई बॉर्डर सील नहीं है लेकिन राजधानी में घुसने वाली हर गाड़ी की चेकिंग हो रही है। इसकी वजह से बॉर्डर के पास भारी जाम लग गया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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