गई राष्ट्रपति की कुर्सी तो क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रंप? ये है प्लान B
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भले ही डोनाल्ड ट्रंप स्वीकार न कर रहे हों, उनका कैंप विकल्प तलाशने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप को 10 करोड़ डॉलर की बुक और टीवी डील ऑफर की गई हैं। उनके करीबी सूत्र ने बताया है कि चुनाव हारने की स्थिति में इसे प्लान बी के तौर पर तैयार किया गया है। सूत्र के मुताबिक राष्ट्रपति पर ऐसे ऑफर की बरसात जारी है। उन्हें वाइट हाउस में बिताए समय पर किताब लिखने से लेकर दक्षिणपंथी टीवी आउटलेट्स से भी ऑफर आ रहे हैं।
पहले भी लिख चुके हैं किताबें
गौरतलब है कि ट्रंप ने जो बाइडेन ने हार मानने से इनकार कर दिया है और वोटिंग में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं। ट्रंप के नाम पहले ही 19 किताबें हैं जिनमें बिजनस से लेकर गोल्फ तक की बातें शुमार हैं। राष्ट्रपति बनने से एक साल पहले 2015 में उन्होंने अपने आखिरी किताब Crippled America लिखी थी। साल 2018 में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने कई बेस्ट-सेलिंग किताबें लिखी हैं।
हिट रहती हैं किताबें
बता दें कि वाइट हाउस से निकलने वाली हस्तियों को ऐसे ऑफर मिलते रहते हैं क्योंकि पाठकों को यह जानने में दिलचस्पी रहती है कि सरकार के उस पद पर जिंदगी कैसी होती है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा को क्राउन ने 2017 में 6.5 करोड़ डॉलर की डील थी जबकि ओबामा की नई किताब A Promised Land अगले हफ्ते आने वाली है।
डरे हैं प्रकाशक
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि प्रकाशकों को इस बात का डर भी है कि कहीं ट्रंप के कानूनी झमेलों में घिरे होने का उन्हें नुकसान न उठाना पड़े। ट्रंप के खिलाफ न्यू यॉर्क स्टेट जांच की वित्तीय जांच, ई जीन कैरल का मानहानि कैसे और 20 से ज्यादा महिलाओं के लगाए यौन शोषण के आरोप हैं। कई प्रकाशकों ने यह भी कहा है कि ट्रंप को लेकर अपील ओबामा जैसी नहीं है।
ट्रंप ने मीडिया पर फोड़ा है ठीकरा
बता दें कि
ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार का ठीकरा मुख्यधारा की मीडिया पर फोड़ दिया है। ट्रंप ने कई ट्वीट कर कहा कि फॉक्स न्यूज, क्वीननिपियेक पोल, एबीसी और वाशिंगटन पोस्ट, एनबीसी और वॉल स्ट्रीट जर्नल मेरे बारे में अपने सर्वेक्षण को लेकर इतने गलत थे कि इसने चुनाव को प्रभावित किया। ट्रंप ने कहा कि वे अपने सर्वेक्षण में और दबाव डालने की कोशिश में कहीं आगे चले गए और इसे चुनाव में हस्तक्षेप माना जाना चाहिए।