अजरबैजान के रॉकेट हमलों से भड़का आर्मेनिया, बोला- जवाबी हमले को स्वत्रंत है हमारी सेना
और के बीच संघर्षविराम होने के बाद भी लड़ाई जारी है। दोनों देशों की सेना एक दूसरे पर रॉकेट, मिसाइल और ड्र्र्रोन से हमले कर रही हैं। बुधवार को नागोर्नो-काराबाख इलाके में आर्मेनियाई सैन्य ठिकानों पर अजरबैजान ने भीषण बमबारी की। जिसके बाद आर्मेनिया ने धमकी देते हुए कहा है कि उसकी सेना को अब जवाबी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। ऐसी स्थिति में शांति की कोशिश में जुटे रूस के लिए मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
अजरबैजान ने हमला करने की बात स्वीकारी
अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि 14 अक्टूबर को अजरबैजानी सशस्त्र बलों ने कलबाजार सीमा पर अर्मेनियाई क्षेत्र में स्थित सैन्य उपकरणों पर हमला किया। इन हथियारों के जरिए आर्मेनियाई सेना अजरबैजान के नागरिक क्षेत्र में हमला करने की तैयारी में थी।
आर्मेनिया ने कहा- जवाबी कार्रवाई को हम स्वतंत्र
वहीं, आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शुशन स्टीफनियन ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा कि अर्मेनियाई क्षेत्र से अजरबैजान की ओर अब तक कोई भी मिसाइल या गोली नहीं चलाई गई है। इस हमले के जवाब में हमारी सेना कार्रवाई करने का अधिकार रखती है।
नागोर्नो-करबाख पर कब्जा करना चाहकता है अजरबैजान
अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन ने बुधवार को कहा कि अजरबैजान का उद्देश्य नागोर्नो-करबाख के क्षेत्र पर पूरी तरह से कब्जा करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि अजरबैजान की इस कार्रवाई से क्षेत्र की शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अजरबैजान और तुर्की अपनी आक्रामकता को बिलकुल भी रोकना नहीं चाहते हैं।
अबतक 600 से ज्यादा लोगों की मौत
नागोर्नो-काराबाख को लेकर चल रही लड़ाई में मरने वालों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है। मरने वालों में दोनों पक्षों के सैन्य और नागरिक शामिल हैं। नागोर्नो-काराबाख के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को उनके 16 सैन्यकर्मी युद्ध में मारे गए। इसके साथ ही 27 सितंबर को शुरू हुई लड़ाई में उसके 532 सैनिकों की मौत हो चुकी है।
अजरबैजान छिपा रहा मौतों की वास्तविक संख्या
अजरबैजान ने हालांकि अपनी सेना को हुए नुकसान की जानकारी नहीं दी है पर दोनों पक्षों की ओर से किए जा रहे दावों के मद्देनजर कुल हताहतों की संख्या बहुत अधिक होने की आशंका है। अजरबैजान ने कहा कि दो हफ्तों की लड़ाई में उसके 42 आम नागरिक मारे गए हैं। नागर्नो-काराबाख के मानवाधिकार लोकपाल अर्तक बेलारयान ने देर सोमवार बताया कि आजरबैजान से अलग हुए इस इलाके में कम से 31 आम नागरिकों की मौत हुई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।
शांति समझौते के बावजूद जंग जारी
रूस की मध्यस्थता में हुए शांति समझौते के बावजूद दोनों देशों में जंग जारी है। समझौते के दौरान रूसी विदेश सर्गेई लावरोव ने कहा था कि युद्धबंदियों और अन्य पकड़े गए व्यक्तियों की अदला-बदली के मानवीय उद्देश्य के साथ-साथ सैनिकों के शवों की अदला-बदली पर सहमति के साथ युद्धविराम घोषित किया गया है। डॉक्युमेंट में यह भी कहा गया था कि अजरबैजान और आर्मेनिया नागोर्नो-काराबाख में शांति बहाली पर ओएससीई मिन्स्क समूह के प्रतिनिधियों की मध्यस्थता के साथ व्यावहारिक वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं।