चीन, रूस, उत्तर कोरिया से टक्कर की तैयारी, जापान के सैन्य बजट में रेकॉर्ड बढ़त
दूसरे विश्व युद्ध में हार के बाद जापान ने फैसला किया था कि वह अपने हथियारों का इस्तेमाल सिर्फ आत्मरक्षा में करेगा। हालांकि, हाल के सालों में जापान के नेताओं, खासकर पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने देश को इस रुख से बाहर निकालने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए। चीन के आक्रामक होते रुख की वजह से जापान को यह करने के लिए वजह भी मिलती गई। अब जापान की सेना ने रेकॉर्ड 52 अरब डॉलर का बजट मांगा है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के बदलते रवैये की वजह से अमेरिका को भी चीन और रूस के खिलाफ लड़ने के लिए उसमें एक मजबूत साथी दिखने लगा है।
चीन और उत्तर कोरिया से मिल रही चुनौती
जापान की सेना ने अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 52 अरब डॉलर का रक्षा बजट तैयार किया है। लगातार 9 साल तक सेना ने रक्षा बजट में इजाफा जारी रखा है। चीन और उत्तर कोरिया से मिलने वाली चुनौती के बढ़ने के साथ ही सेना ने यह तैयारी शुरू कर दी है। जापान को चीन की विशाल सैन्यशक्ति के साथ-साथ उत्तर कोरिया से भी चिंता रहती है। प्योंगयांग ने हाल के सालों में परमाणु परीक्षण बढ़ा दिया है। कई मिसाइलों का भी परीक्षण कोरिया ने किया है और इन घातक हथियारों में से कई जापान के ऊपर से भी होकर गुजरे हैं।
बजट में शामिल फ्रीगेट-पनडुब्बी
जापान ने नए बजट में दो फ्रीगेट और एक पनडुब्बी खरीदने के लिए यह बजट मांगा है। देश की सेना अगली पीढ़ी के फाइटर जेट का विकास कर रही है। खास बात यह है कि इस बजट में जापान ने अमेरिका की विकसित की हुई Aegis Ashore मिसाइल इंटरसेप्शन सिस्टम को शामिल नहीं किया है। जापान सेल्फ-डिफेंस फोर्स ने 540 कर्मियों के साथ नई साइबर यूनिट स्थापित करने का फैसला किया है। वहीं, स्पेस यूनिट में 70 कर्मियों की जगह होगी।
जापान कर सकता है अपने क्षेत्र की रक्षा
एशिया टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान अब अपनी जमीन और हजारों टापुओं की रक्षा कर सकता है, चुनौती का जवाब दे सकता है, वैश्विक समुद्रीय गलियारों पर नजर भी रख सकता है। रूस पहले जर्मनी की सैन्यशक्ति के हाथों पीड़ित हो चुका है। रूस और चीन दोनों जापान की सैन्य विचारधारा के हाथों भारी नुकसान भुगत चुके हैं। आबे की नीति जापान की अर्थव्यवस्था को तेज करने के साथ शक्तिशाली विदेश नीति बनाने की भी रही। इसमें एक बड़ी चुनौती चीन से मिल रही है जिसने ईस्ट चाइना सी में जापान को परेशान कर रखा है।
सैन्यशक्ति बढ़ा रहा है जापान
आबे ने 2018 में ही 10 साल के लिए डिफेंस प्लान रिलीज कर दिया था। इसमें सबसे चर्चित रहा था Izumo हेलिकॉप्टर कैरियर को एयरक्राफ्ट कैरियर में तब्दील करने का फैसला। इसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध के बाद देश को ऐसा पहला जहाज मिला था। इसके 5 साल बाद तक देश ने 240 अरब डॉलर सेल्फ-डिफेंस फोर्स पर खर्च किए और देश का रक्षा बजट बढ़ता ही रहा। पुराने फाइटर जेट्स की जगह नए खरीदे जाने लगे। ये तैयारी बाद में जापान की आत्मरक्षा से ज्यादा उसके शक्तिप्रदर्शन का जरिया थी।