अब महारानी एलिजाबेथ के हाथ में नहीं रहेगी बारबेडोस की कमान, बनेगा गणतंत्र
एक वक्त था जब ब्रिटेन का राजघराना दुनिया के कई देशों पर शासन करता था। धीरे-धीरे ये देश ब्रिटेन की बेड़ियों से निकलने लगे। अब करीब 30 साल बाद कोई देश ब्रिटन के राजघराने के शासन को खत्म कर रिपब्लिक बनने की राह पर है। ने फैसला किया है कि अब ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ II उसकी राष्ट्राध्यक्ष नहीं होंगी। एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा 15 और कॉमनवेल्थ देशों की रानी हैं।
‘इतिहास पीछे छोड़ने का वक्त’
करीब 3 लाख की आबादी वाले बारबेडोस को 1966 में आजादी मिल गई थी। इसके बाद भी उसका ब्रिटिश सिंहासन से औपचारिक नाता बना रहा। देश की गवर्नर जनरल सैंड्रा मेसन का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि अपने औपनिवेशक इतिहास को पीछे छोड़ दिया जाए। मेसन ने कहा कि देश की जनता अपना राष्ट्राध्यक्ष चाहती है। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे विश्वास का सबूत है कि हम क्या हैं और क्या हासिल कर सकते हैं।’
देर से मिली आजादी?
नवंबर 2021 में बारबेडोस अपना 55वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है और इससे पहले यह पूरी तरह से संप्रभुता को स्वीकार कर गणतंत्र बन जाएगा। वहीं, इस बारे में काफी वक्त से सवाल किया जाता रहा है कि आखिर देश को गणतंत्र बनाने में इतनी देर क्यों की गई। इस पर देश की प्रधानमंत्री मिया मोटली के प्रेस सचिव रॉय आर मोरिस ने कहा है कि ऐसा करने के पीछे देश से किया वादा पूरा करने के अलावा दूसरा कोई कारण नहीं है।
इससे पहले आखिरी बार 1992 में मॉरीशस ऐसा करने वाला देश था। साल 2018 में मोटली भारी मतों के साथ सत्ता में आई थीं और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। वहीं, आज भी कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की राष्ट्राध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ ही हैं।