पाकिस्तान, तुर्की, ओआईसी… कश्मीर पर यूएन के मंच से भारत की खरी-खरी
भारत ने कश्मीर और मानवाधिकारों को लेकर पाकिस्तान, तुर्की और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) को जमकर फटकार लगाई है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद का 45 वां सत्र चल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान, तुर्की और ओआईसी ने कश्मीर को लेकर भारत पर कई झूठे आरोप लगाए थे। जिसके बाद उत्तर देने के अधिकार के तहत जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बाथे ने इन तीनों को जमकर लताड़ लगाई।
भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आदत बन गई है कि वह अपने दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के जरिए भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध सूची में शामिल लोगों को पेंशन देने का गौरव प्राप्त है। उनके पास एक ऐसा प्रधानमंत्री भी है जो जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए हजारों आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने की बात को गर्व से स्वीकारता है।
मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाला देश दे रहा भाषण
पाकिस्तान के बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में लोगों की दुर्दशा उसके मानवाधिकार के मामलों की पोल खोलती हैं। एक भी ऐसा दिन नहीं गया है जब बलूचिस्तान में किसी परिवार के सदस्य को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा अपहरण न किया गया हो। उनका कभी पता भी नहीं चलता है। न तो भारत न ही कोई और ऐसे देश से मानवाधिकार पर भाषण सुनना चाहेगा जिसने लगातार अपने जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया है और जो आतंकवाद का जन्मदाता है।
आईओसी को भी भारत ने जमकर सुनाया
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव ने कश्मीर मुद्दे पर ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज के बयान की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन द्वारा किए गए संदर्भ को अस्वीकार करते हैं। वह भारत का अभिन्न अंग है। ओआईसी ने पाकिस्तानी एजेंडे को पूरा करने के लिए खुद के दुरुपयोग की अनुमति दी है। ओआईसी के सदस्यों के लिए यह तय करना कि क्या पाकिस्तान को ऐसा करने के लिए अनुमति देना उनके हित में है।
भारत ने तुर्की को दी यह सलाह
भारत ने तुर्की को भी कश्मीर पर टिप्पणी करने के लिए सीधी चेतावनी दी। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि मैं फिर से तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह देता हूं। बता दें कि कि कश्मीर मुद्दे को लेकर तुर्की हमेशा से पाकिस्तान का साथ देता रहता है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन खुद को इस्लामिक देशों का नया मसीहा बनाने की तैयारी कर रहे हैं।