थोड़ी देर में यूएई और बहरीन के साथ ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा इजरायल, ट्रंप बनेंगे गवाह
इजरायलय के साथ हुए ऐतिहासिक शांति समझौते पर आज यूएई और बहरीन हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। वॉशिंगटन स्थित वाइट हाउस में होने वाले इस समारोह की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस समझौते में यमन भी शामिल हो सकता है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। राष्ट्रपति ट्रंप इस समझौते को चुनावी मौसम में सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं।
नेतन्याहू, नाहयान और खलीफा पहुंचे अमेरिका
इस समरोह में शामिल होने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, यूएई के शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान और बहरीन के शाह हमद बिन अल खलीफा अमेरिका पहुंच गए हैं। पिछले हफ्ते ट्रंप ने ऐलान किया था कि बहरीन भी रिश्तों को सामान्य करने के लिए इजराइल के साथ एक समझौते तक पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह समारोह क्षेत्र में शांति की दिशा में एक नये युग की शुरुआत करेगा।
अलग- अलग होंगे दोनों देशों से हस्ताक्षर
ऐतिहासिक समझौते के एक दिन पहले ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि यूएई और इजराइल के प्रतिनिधि तथा बहरीन एवं इजराइल के प्रतिनिधि अपने-अपने दस्तावेजों पर दस्तखत करेंगे। यह ऐतिहासिक समझौता कराने में राष्ट्रपति के सलाहकार एवं दामाद जेरेड कुशनर ने अहम भूमिका निभाई है। यूएई और बहरीन के नेताओं से फोन पर बात करने के बाद ट्रंप ने खुद दोनों समझौतों की घोषणा की है।
13अगस्त को इजरायल और यूएई समझौते का हुआ था ऐलान
13 अगस्त को इजरायल- यूएई समझौते की घोषणा की गई थी जबकि इजरायल बहरीन समझौते का ऐलान पिछले हफ्ते किया गया है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यूएई के वली अहद (उत्तराधिकारी) के भाई एवं देश के विदेश मंत्री कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहीं बहरीन का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री करेंगे। समझौते को अब्राहम (या इब्राहीम) संधि का नाम दिया गया है। समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले समारोह में कुछ सौ लोग हिस्सा ले सकते हैं।
माइक पोम्पियो ने बताया उल्लेखनीय उपलब्धि
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने पश्चिम एशिया में शांति के लिए हालात तय किए हैं। यह असल प्रगति है। कल इजराइल, बहरीन और यूएई के प्रतिनिधि वाशिंगटन में होंगे और रिश्तों को सामान्य करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। पोम्पिओ ने कहा कि उन्होंने हाथ मिलाया और अब उनके क्षेत्र में कई और साझेदार हैं। वे सभी देश, सभी खाड़ी देश इस्लामी गणराज्य ईरान के खतरे को वास्तविक मान रहे हैं और वे अब साथ काम कर रहे हैं, सुरक्षा तथा आर्थिक संबंधों को बना रहे हैं। यह पश्चिम एशिया को वास्तव में स्थिर करेगा।