चीन ने फ्रोजन फूड का आयात रोका, आखिर Coronavirus इन्फेक्शन का कितना खतरा?

चीन ने फ्रोजन फूड का आयात रोका, आखिर Coronavirus इन्फेक्शन का कितना खतरा?
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पेइचिंग
पिछले दिनों चीन में ऐसे कई मामले सामने आए जहां फ्रोजन फूड के शिपमेंट में COVID-19 पैदा करने वाले के सैंपल मिले थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भले ही इससे महामारी के और ज्यादा फैलने की आशंका से इनकार किया हो, करीब 220 अरब डॉलर की इस सप्लाई चेन पर अनिश्चितता मंडराने लगी है। दरअसल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि फ्रोजन फूड से वायरस फैलना बेहद मुश्किल जरूर है, नामुमकिन नहीं। शायद यही वजह है कि चीन ने गुआंगझू शहर में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट से फ्रोजन मीट के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है।

कम तापमान में वायरस का पनपना आसान
हाल ही में चीन के पेइचिंग और दालियान के पोर्ट शहर में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आ रहे थे जो फ्रोजन फूड के शिपमेंट से जुड़े थे। कोल्ड-स्टोरेज फसिलटी और मीट प्रोसेसिंग प्लांट में वायरस का पनपना आसान होता है क्योंकि यहां तापमान कम और सूखा होता है। इस बात का तो सबूत नहीं है कि वायरस खाने से फैल सकता है लेकिन इसे नकारा नहीं जा सकता।

‘शरीर में दाखिल होना मुश्किल लेकिन मुमकिन’
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग-कॉन्ग में एपीडिमियॉलजी और बायोस्टैटिस्टिक्स के हेड बेंजामिन काउलिंग का कहना है कि वायरस को फ्रोजन हालत से निकलकर डीफ्रॉस्ट होना पड़ेगा। इसके बाद किसी के हाथ पर लगने के बाद फिर नाक या मुंह के सहारे वह शरीर में दाखिल हो सकता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अगर वह जिंदा रहता है तो इन्फेक्शन हो सकता है। उन्होंने बताया है कि ऐसे ट्रांसमिशन की संभावना बहुत कम है लेकिन संभव है।

‘चीन ने एहतियातन उठाने शुरू कर दिए हैं कदम
चीन के टॉप रेस्पिरेटरी डिजीज एक्सपर्ट झॉन्ग नन्शान का कहना है कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहिए। हालांकि, सबूतों की कमी के बावजूद चीन ने एहतियात के तौर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गुआंगझू के कोल्ड चेन असोसिएशन ने सभी कंपनियों को फ्रोजन मीट और सीफूड को ऐसी जगहों से इंपोर्ट करने से रोक दिया है जो कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। शेनजेन शहर में ब्राजील से आए चिकन विंग्स पर कोरोना वायरस मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। हॉन्ग-कॉन्ग ने भी इस प्लांट से इंपोर्ट बंद कर दिया है।

वायरस से कितना खतरा, अभी पता लगाया जाना बाकी
खास बात यह है कि चीन में मिले सैंपल को लेकर अभी यह पता लगाया जान बाकी है कि जो वायरस मिला है वह जिंदा है या नहीं और क्या इससे इन्फेक्शन हो सकता है। वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट के लिए खाने के लिए फैलना नया नहीं है। WHO के मुताबिक हर 10 में से एक इंसान संक्रमित खाना खाने के बाद बीमार पड़ जाता है जिससे हर साल 4.2 लाख मौतें हो जाती हैं।

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