गलत सूचना देने या हेट स्पीच पर ट्रंप के पोस्ट को भी करेंगे 'डिलीट': फेसबुक

गलत सूचना देने या हेट स्पीच पर ट्रंप के पोस्ट को भी करेंगे 'डिलीट': फेसबुक
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वॉशिंगटन
में गलत सूचनाओं और हेट स्पीच से निपटने को लेकर ने कमर कस ली है। फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग ने कहा है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति की पोस्ट घृणा भाषण और झूठी जानकारी संबंधी, कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करती हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा।

चुनाव से पहले दुष्प्रचार रोकने को तैयार फेसबुक
फेसबुक ने तीन नवंबर को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने मंच से दुष्प्रचार रोकने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। इन उपायों में विवादास्पद विषय वस्तु को रोकना शामिल है। सैंडबर्ग ने मंगलवार को एमएसएनबीसी समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा कि कंपनी नफरत भरी बातों और झूठी जानकारियों को हटाएगी, भले ही ट्रंप ने वो पोस्ट डाली हों।

मानकों का उल्लंघन करने पर राष्ट्रपति के ट्वीट को भी हटा देंगे
उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रपति हमारे घृणा भाषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करते हैं या मतदाताओं को लेकर अथवा कोरोना वायरस पर गलत जानकारी देते हैं तो उन पोस्ट को हटाया जाएगा। फेसबुक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पोस्ट हटा ली थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बच्चे कोविड-19 से लगभग सुरक्षित हैं। इस पोस्ट को गलत सूचना फैलाने के तहत चिह्नित कर दिया गया।

भ्रामक सूचनाओं के खिलाफ कार्रवाई को तैयार फेसबुक
फेसबुक अमेरिका ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के लिए एक नई सेवा भी शुरू की है। जिसमें, यूजर्स द्वारा मतदान संबंधी पोस्ट करने पर परिशिष्ट में संदेश आएगा जिसमें पढ़ने वाले के लिए निर्देश होगा कि वे आगामी चुनाव संबंधी सूचना को सत्यापित करें। फेसबुक ने कहा कि ये लेबल नयी मतदाता संबंधी सूचनाओं से जुड़ेंगे ठीक उसी तरह जैसे कोविड-19 के मामले में किया था और जिसे अबतक तक करीब एक अरब बार देखा जा चुका है। लेबल में लिखा होगा, चुनाव संसाधनों और आधिकारिक अपडेट के लिए मतदान सूचना केंद्र पर जाएं।

कंटेंट के सत्यापन के लिए बाहरी ऑडिटर रखेगा फेसबुक
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपनी सामुदायिक मानक प्रवर्तन रपट का बाहरी ऑडिटरों से स्वतंत्र सत्यापन कराएगी। फेसबुक की यह रपट उसकी कंटेंट नीति के अनुपालन और उससे जुड़े आंकड़ों को दिखाती है। वर्तमान में कंपनी फेसबुक पर 12 और इंस्टाग्राम पर 10 तरह के उल्लंघन पर नजर रखती है। इसमें किसी को ऑनलाइन धमकाना या परेशान करना, नफरत फैलाने वाले भाषण, आतंकवादी संगठन या गतिविधियों में संलिप्त होना और संगठित घृणा और हिंसक कंटेंट इत्यादि शामिल हैं।

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