ताइवान बॉर्डर पर चीनी फौज, युद्ध जैसे हालात!
चीन ने साउथ चाइना सी में ताइवान के इलाके पर कब्जा करने के लिए युद्धाभ्यास के नाम पर हजारों सैनिकों को उतार दिया है। जिसके जवाब में ताइवान ने भी लगभग 200 मरीन कमांडोज की एक कंपनी को प्रतास द्वीप पर भेजा है। ताइवान का खुफिया जानकारी मिली है कि इस द्वीप पर हमले की योजना बना रही है। चीन में इस द्वीप को डोंगसा के नाम से जाना जाता है।
युद्धाभ्यास की आड़ में हमले की चीनी साजिश
जापान के क्योडो न्यूज ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हैनान द्वीप पर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण अभ्यास करने की योजना बना रहा था, जिसमें ताइवान-नियंत्रित द्वीपों पर कब्जे का प्रयास भी किया जाएगा। यह भी बताया गया कि पीएलए के दक्षिणी कमांड थिएटर के निर्देशन में होने वाले इस युद्धाभ्यास में बड़े पैमाने पर मरीन कमांडो, लैंडिंग शिप्स होवरक्राफ्ट और सैन्य हेलिकॉप्टर शामिल होंगे।
ताइवान का राष्ट्रीय उद्यान है प्रतास द्वीप
प्रतास द्वीप दो समुद्री तट और दो प्रवाल भित्तियों (कोरल रीफ) से मिलकर बना है। यह द्वीप ताइवान के दक्षिणी तटीय शहर काऊशुंग से लगभग 445 किलोमीटर और चीन की मुख्य भूमि से सिर्फ 300 किमी की दूरी पर स्थित है। इस क्षेत्र को इसके मूंगा भित्तियों और समुद्री शैवाल पारिस्थितिकी तंत्र के कारण एक राष्ट्रीय उद्यान नामित किया गया है। यहां स्थायी तौर पर मानव आबादी नहीं रहती है।
क्यों है चीन और ताइवान में तनातनी
1949 में माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने चियांग काई शेक के नेतृत्व वाले कॉमिंगतांग सरकार का तख्तापलट कर दिया था। जिसके बाद चियांग काई शेक ने ताइवान द्वीप में जाकर अपनी सरकार का गठन किया। उस समय कम्यूनिस्ट पार्टी के पास मजबूत नौसेना नहीं थी। इसलिए उन्होंने समुद्र पार कर इस द्वीप पर अधिकार नहीं किया। तब से ताइवान खुद को रिपब्लिक ऑफ चाइना मानता है।
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इसके लिए सेना के इस्तेमाल पर भी जोर देती आई है। ताइवान के पास अपनी खुद की सेना भी है। जिसे अमेरिका का समर्थन भी प्राप्त है। हालांकि ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध खराब हुए हैं।