जाधव केस: कॉन्सुलर एक्सेस देने को बेताब पाक

जाधव केस: कॉन्सुलर एक्सेस देने को बेताब पाक
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इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव मामले में भारत को फिर से कॉन्सुलर एक्सेस देने की चाल चली है। पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद जाधव मामले में 3 सितंबर को होने वाली सुनवाई के लिए भारत को बुलाया है। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि भारत इस दौरान अंग्रेजी को छोड़कर किसी अन्य भाषा का भी इस्तेमाल कर सकता है।

अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता भी हटाई
गुरुवार को नवीनतम प्रस्ताव में पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि भारत इस मामले में अपनी पंसद का वकील नियुक्त कर सकता है। पाक सरकार ने यह भी कहा है कि भारत बिना रोक टोक के निर्बाध जाधव के साथ बातचीत कर सकता है। इससे पहले जारी सभी काउंसलर एक्सेस के दौरान पाकिस्तान ने जाधव से बातचीत के लिए अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य रखा था।

भारत को वकील नियुक्त करने का ऑफर
पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने सोमवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कोर्ट ने कहा, अगर भारत वकील को नियुक्त करना चाहता है, तो वह कर सकता है। पाकिस्तानी सरकार भी यही चाहती है। हालांकि, इस मामले में केवल पाकिस्तानी वकीलों को अनुमति दी जा सकती है।

पाकिस्तान से भारत को कोई जानकारी नहीं मिली
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में उसे पड़ोसी देश से अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुयी है । भारत ने मांग की कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के अनुरूप उसे निर्बाध, बिना रोक टोक और बिना शर्त के राजनयिक पहुंच मुहैया कराने की जरुरत है

बिना रोक टोक, निर्बाध राजनयिक पहुंच दे पाक: भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि हमें इस संबंध में पाकिस्तान से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। उनसे पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान ने भारत को इस मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में सूचित किया है। श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेश को लागू करने और भारत को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जाधव को निर्बाध और बिना रोक टोक के राजनयिक पहुंच मुहैया कराने की जरुरत है।

अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला नहीं मान रहा पाक
गौरतलब है कि 2017 में भारत ने पाकिस्तान द्वारा जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया नहीं कराने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था । हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और उस पर पुनर्विचार करना चाहिए और बिना देरी किये राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।

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