कोरोना: 'रामबाण' इलाज मुश्किल, लंबी है लड़ाई

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जेनेवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा है कि भले ही COVID-19 से बचने के लिए वैक्सीन बनाने की रेस तेज हो गई है, कोरोना वायरस के जवाब में कोई ‘रामबाण’ समाधान शायद कभी न निकल सके। WHO ने यह भी कहा है कि भारत जैसे देशों में ट्रांसमिशन रेट बहुत ज्यादा है और अभी उन्हें काफी लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

हालात सामान्य होने में लगेगा वक्त
WHO के डायरेक्टर टेड्रोस ऐडनम ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि अभी इसका कोई रामबाण इलाज नहीं है और शायद कभी होगा भी नहीं। उन्होंने यह भी कहा है कि अभी हालात सामान्य होने में और वक्त लग सकता है। 3 महीने पहले WHO की इमर्जेंसी कमिटी मिली थी। इसके बाद से दुनियाभर में इन्फेक्शन के केस पांच गुना ज्यादा 1.75 करोड़ हो गए हैं और मौत का आंकड़ा तीन गुना ज्यादा 6.8 लाख हो गए हैं।

कड़े कदम उठाने होंगे
टेड्रोस और WHO के इमर्जेंसी हेड माइक रायन ने सभी देशों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग कायम करने, हाथ धोने और टेस्ट कराने जैसे कदम उठाने में कड़ाई बरतने को कहा है। टेड्रोस ने कहा कि लोगों और सरकार के लिए संदेश साफ है कि सब कुछ करें। उन्होंने का मास्क को लोगों के बीच एकजुटता का प्रतीक बनना चाहिए।

लंबी है लड़ाई, प्रतिबद्धता की जरूरत
WHO डायरेक्टर ने कहा, ‘बहुत से वैक्सीन इस वक्त तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में हैं और हम उम्मीद कर रहे हैं कि बहुत सी वैक्सीनें लोगों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए बन जाएंगी। हालांकि, इस वक्त कोई रामबाण इलाज नहीं है और शायद कभी होगा भी नहीं।’ वहीं रायन ने कहा कि ब्राजील और भारत जैसे देशों में ट्रांसमिशन रेट ज्यादा है और उन्हें बड़ी जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। अभी इससे बाहर निकलने का रास्ता लंबा है और इसमें प्रतिबद्धता की जरूरत है।

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