नदी संरक्षण एवं पर्यावरण बचाने के लिये दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन

नदी संरक्षण एवं पर्यावरण बचाने के लिये दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

भोपाल :नर्मदा सेवा यात्रा नदी संरक्षण एवं पर्यावरण बचाने के लिये किया जा रहा दुनिया का सबसे बड़ा एवं अद्भुत आंदोलन है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नर्मदा सेवा यात्रा के 33 वें दिन नर्मदा सेवा यात्रा के सेवकों एवं जन-समुदाय को होशंगाबाद जिले के सांगाखेड़ा खुर्द में नर्मदा तट पर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदूषित होती नर्मदा को बचाने के लिये लोगों से आव्हान किया कि वे नर्मदा जल को शुद्ध रखने में अपना योगदान दें। नर्मदा में पूजा के फूल,माला,प्लास्टिक के दीप आदि का विर्सजन नहीं करें। इसके लिये वे नर्मदा तट पर पृथक से विसर्जन कुंड का निर्माण करवायेंगे। नर्मदा तट पर होने वाले दाह संस्कारों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये तटों के किनारे मुक्ति धामों का निर्माण किया जायेगा। गणेश एवं दुर्गा जी की मूर्तियों के विर्सजन के लिये भी अलग से विर्सजन कुंडों का निर्माण करवाया जायेगा। माता और बहनों को नर्मदा स्नान के बाद कपड़े बदलने के लिये चेंजिंग रूम बनवाये जायेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटियों का मान-सम्मान सुनिश्चित हो। उनकी सुरक्षा के लिये दुराचारियों को जेल नहीं बल्कि सीधे फाँसी पर लटकाया जा सके, इसके लिये शीघ्र प्रावधान के लिये कार्रवाई की जायेगी।

नर्मदा नदी का उद्गम अन्य नदियों की तरह नहीं वरन पेड़ों द्वारा अवशोषित वर्षा का जल बूंदों के रूप में झीरियों के द्वारा नर्मदा नदी में गिरता रहता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नर्मदा का जल-स्तर बढ़ाने का एकमात्र उपाय नर्मदा के किनारों पर वृक्षारोपण ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय विभाग अपनी-अपनी भूमि पर वृक्ष लगायेंगे और किसान अपनी निजी भूमि पर स्वयं वृक्षारोपण करें। किसानों को नुकसान न हो इसके लिये किसान फलदार एवं छायादार वृक्ष लगायें और जब तक फल नहीं आते शासन 20 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान करेगा। पेड़ लगाने के लिये 40 प्रतिशत सबसिडी दी जायेगी। फलदार पेड़ों के बीच वह अन्य दूसरी फसल भी उगा सकता है। पेड़ लगाने से एक ओर जहाँ नर्मदा की धारा विशाल रूप लेगी वहीं किसान भी लाभान्वित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा नदी पर डेम बनाकर बिजली उत्पन्न की जा रही है। इससे किसान अपने खेतों में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई कर भरपूर फसल उगा रहे हैं। कहते हैं यमुना में 7 बार स्नान से तो गंगा में एक बार स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है तो माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है।

इस अवसर पर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष श्री सीताशरण शर्मा, वरिष्‍ठ मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, श्री सूर्यप्रकाश मीणा, सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, अध्यक्ष खनिज विकास निगम श्री शिव चौबे, संत बाबा बालकदास, सुश्री प्रज्ञा भारती, विधायक श्री विजयपाल सिंह एवं श्रीमती साधना सिंह एवं डॉ. किरण शेजवार सहित बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित था।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.