अब मलेशिया ने समुद्र में चीनी दावों को नकारा
अब चीनी आक्रामकता के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद अब मलेशिया ने भी साउथ चाइना सी पर चीन के कथित दावे को खारिज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में मलेशिया के स्थायी मिशन ने 29 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भेजे गए एक नोट में चीन के दावे को खारिज कर दिया।
चीन के दावों का कोई आधार नहीं
इस नोट में मलेशिया ने कहा कि पूर्वी सागर (जिसे दक्षिण चीन सागर भी कहा जाता है) में समुद्री सुविधाओं के लिए चीन के दावे का अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत कोई आधार नहीं है। मलेशिया की सरकार ने चीन के ऐतिहासिक, संप्रभु और कानूनी अधिकार क्षेत्र के दावों को भी खारिज कर दिया है।
अमेरिका भी खारिज कर चुका है चीन का दावा
अमेरिका ने चीन के दावा खारिज करते हुए कहा था कि हम समुद्री स्वतंत्रता और संप्रभुता के सम्मान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़े हैं। साथ ही दक्षिण चीन सागर या उसके बाहर ‘शक्ति ही सत्य बनाती है’ को लागू करने के किसी भी दुस्साहस को खारिज करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका आगे भी जमीनी विवादों में निष्पक्ष बना रहेगा। माइक पोम्पियो के इस ऐलान के बाद अब यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिका साउथ चाइना सी में ब्रुनई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन्स और वियतनाम का पक्ष लेगा जो चीन के दादागीरी का विरोध कर रहे हैं।
ताइवान-मलेशिया को धमका रहा चीन
चीन ने ताइवान को डराने के लिए समुद्र में एयरक्राफ्ट कैरियर उतार दिया था। साथ ही मलेशिया के ऑयल शिप्स को भी चीनी जहाज धमका रहे थे। इसकी काट निकालने के लिए पिछले हफ्ते, मलेशिया के पास विवादित समुद्री इलाके से अमेरिका ने जंगी जहाज पार कराए।
चीन समुद्र में चला रहा पावर गेम
साउथ चाइना सी में ‘जबरन कब्जा’ तेज कर दिया है। पिछले रविवार को चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्ट्रक्चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्सों पर कब्जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से ना सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है।
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