मलेशिया के पूर्व PM भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी
मलेशिया की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को सरकारी निवेश कोष से अरबों डॉलर के गबन के मामले में मंगलवार को दोषी करार दिया और 12 साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई है। फैसला सुनते समय रज्जाक का चेहरा शांत था और चेहरे पर कोई भाव नजर नहीं आ रहा था। वह मलेशिया के पहले ऐसे नेता हैं, जो दोषी करार दिए गए हैं। उन्होंने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। महातिर ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाए थे जिसके बाद उन्हें अपने ही देश में राजनीतिक दलों से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
रज्जाक कई वर्षों की जेल की सजा हो सकती है। यह फैसला नयी सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के बड़े सहयोगी के रूप में शामिल होने के पांच महीने बाद आया है। अरबों डॉलर के घोटाले को लेकर जनता के गुस्से के कारण 2018 में नजीब की पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यह फैसला नजीब के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच मुकदमों में से एक में आया है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला नजीब के अन्य मुकदमों पर असर डालेगा और कारोबारी समुदाय को भी यह संकेत जाएगा कि मलेशिया का कानूनी तंत्र में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों से निपटने की ताकत है। न्यायाधीश मोहम्मद नजलान गजाली ने दो घंटे तक अपने फैसले को पढ़ने के बाद कहा, ‘मैं आरोपी को दोषी पाता हूं और सभी सात आरोपों में दोषी करार देता हूं।’ अदालत के बाहर मौजूद नजीब के समर्थक इस फैसले के बारे में जानने के बाद रोने लगे।
पांच मुकदमों में 42 आरोपों का सामना कर रहे रज्जाक
उधर, रज्जाक ने कहा कि वह अंत तक लड़ाई लड़ेंगे। नजीब (67) ने आगे अपील करने की बात कही है। उनका कहना है कि धूर्त बैंकरों ने उन्हें गुमराह किया और उनके खिलाफ मामला राजनीतिक है। मलेशिया के सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक के वंशज नजीब, पांच अलग-अलग मुकदमों में 42 आरोपों का सामना कर रहे हैं और दोषी पाए जाने पर उन्हें वर्षों जेल में बिताना पड़ सकता है। नजीब के पिता और चाचा देश के क्रमश: दूसरे और तीसरे प्रधानमंत्री थे।
नजीब के वकील सजा सुनाने के लिये होने वाली बहस को न्यायाधीश से अगले सप्ताह तक के लिए आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। मौजूदा मुकदमा पद के दुरुपयोग, विश्वास हनन के तीन आरोपों और धन शोधन के तीन आरोपों से संबंधित है। इसके तहत उनपर 1 एमडीबी की पूर्व इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से 4.2 करोड़ रिंगित (98 लाख डॉलर) की राशि अपने बैंक खाते में अंतरित करने का आरोप था। पदभार संभालने के बाद 2009 में नजीब ने मलेशिया के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए 1 एमडीबी कोष की स्थापना की थी।
कश्मीर को लेकर भारत पर आरोप
मलयेशिया के प्रधानमंत्री डॉक्टर महातिर मोहम्मद ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन से जुड़े कई ट्वीट किए थे। इसी संबोधन के दौरान उन्होंने कश्मीर का जिक्र करते हुए ट्वीट किया था, ‘म्यांमार में रोहिंग्याओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर विश्व की लाचारी साफ नजर आ रही है और यूएन रेजॉलूशन को लेकर भी सम्मान में कमी आई है। अब, जम्मू और कश्मीर पर यूएन रेजॉलूशन के बाद भी, देश ने (भारत) इस पर धावा बोलकर कब्जा जमा लिया।’