लद्दाख: पैंगोंग सो में डटा चीन, बोला- 'हट रहे हैं'

लद्दाख: पैंगोंग सो में डटा चीन, बोला- 'हट रहे हैं'
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पेइचिंग
पिछले महीने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के बाद हुई बातचीत के नतीजतन चीन और भारत की सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाएं ज्यादातर जगहों से पीछे हट चुकी हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर यह जानकारी दी है। वहीं, भारतीय सरकार के सूत्रों का दावा है कि चीन का यह बयान गलत है। सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद यह कार्रवाई पूरी की जा रही है। हालांकि, पैंगोंग सो इलाका अभी भी ऐसा है जहां से चीन की सेना बातचीत के मुताबिक वापसी नहीं कर रही है।

पांचवी कमांडर-स्तर की वार्ता की तैयारी
मंत्रालय के प्रवक्ता वॉन्ग वेनबिन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया है कि हालात सुलझना और शांति की ओर बढ़ना जारी है। उन्होंने यह भी बताया है कि कमांडर-स्तर की बातचीत के पांचवे दौर की तैयारी चल रही है जिसमें बाकी के मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कमांडर-स्तर की बातचीत के चार राउंड और सीमा के मुद्दों पर चर्चा और समन्वय पर तीन बैठकें की जा चुकी हैं।

अभी फिंगर इलाके में मौजूद सेना
दोनों देशों की सेनाएं बातचीत के बाद , पट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स/गोगरा इलाके से पीछे हट चुकी हैं लेकिन अभी भी पैन्गॉन्ग सो झील के पास फिंगर इलाके में इसे लागू किया जाना बाकी है। वॉन्ग ने कहा कि चीन उम्मीद कर रहा है कि भारत इस देश में आधा रास्ता चले और दोनों देशों के बीच सहमति का पालन करे ताकि एकसाथ सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। वहीं, भारतीय सरकार के सूत्रों ने चीन के बयान को गलत बताया है।

इस हफ्ते हो सकती है बातचीत
इससे पहले भारत में सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी थी कि पैंगोंग सो इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी का तरीका तय करने के लिए इस हफ्ते उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता हो सकती है। सूत्रों ने बताया था कि सैन्य और राजनयिक स्तर पर फिलहाल चल रही वार्ता के परिणामस्वरूप पूर्वी लद्दाख के गश्ती बिंदु 14, 15 और 17ए से सेनाएं पूरी तरह अपनी-अपनी जगह लौट चुकी हैं।

संघर्ष की जगहों से पीछे हटी
सूत्र ने बताया था, ‘पैंगोंग सो वाले इलाके से सेनाओं की पूर्ण वापसी का तरीका तय करने के लिए अगले हफ्ते सेना के शीर्ष कमांडरों की बैठक होने की संभावना है।’ घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि गलवान घाटी और कुछ अन्य स्थानों, जहां संघर्ष हुआ था, से चीन की सेना वापस जा चुकी है, लेकिन पैंगोंग सो इलाके में फिंगर पांच से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीनी सैनिकों की वापस उस तरह से नहीं हो रही है, जैसा कि भारत ने मांग की थी।

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