प्रचंड की PM आवास पर बैठक, ओली गायब

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काठमांडू
नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरपर्सन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने मंगलवार को स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग प्रधानमंत्री के आवास पर उनके बिना ही कर डाली। इसके बाद अब देश में राजनीतिक संकट और ज्यादा गहराने की आशंका पैदा हो गई है। 45 सदस्यों की मीटिंग दोनों नेताओं के बीच मतभेद खत्म करने के लिए सुबह 11 बजे होने वाली थी। हालांकि, इसे 9वीं बार स्थगित कर दिया गया।

अभी दोनों को राय-सलाह की जरूरत
इस बैठक को स्थगित करने का ऐलान करते हुए गणेश शाह ने कहा कि दोनों नेताओं को अपने मतभेद सुलझाने के लिए अनौपचारिक बातचीत की जरूरत है।पीएम ओली के प्रेस अडवाइजर सूर्या थापा ने भी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि दोनों नेताओं को सलाह लेने के लिए अभी वक्त की जरूरत है। इसलिए बैठक को स्थगित कर दिया गया है। बैठक की अगली तारीख तब तय होगी जब दोनों नेता मशविरा कर लेंगे।

बिना प्रचंड को बताए स्थगित की बैठक
हालांकि, पार्टी के एक सीनियर नेता का कहना है कि ओली ने बैठक प्रचंड से राय किए बिना स्थगित कर दी। प्रचंड का खेमा 11 बजे उनके घर पहुंच गया था और ओली के बैठक शुरू करने का इंतजार कर रहा था। इसके बाद जब प्रचंड ने बैठक की तो ओली के करीबी स्टैंडिग कमिटी सदस्य उसमें शामिल नहीं हुए। दोपहर 3 बजे हुई यह बैठक एक घंटा चली जिसमें 25 सदस्य मौजूद थे।

कई मुद्दों पर होनी है चर्चा
इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को स्टैंडिंग कमिटी कुछ देर के लिए पीएम ओली के आवास पर मिली थी। हालांकि, पीएम उस बैठक में शामिल नहीं थे, इसलिए फैसला किया गया कि आज (28 जुलाई) को बैठक की जाएगी और समिति की गतिविधियों, सरकार के प्रदर्शन, पार्टी के काडर और नेताओं के बीच काम के बंटवारे और प्रस्तावित जनरल कन्वेन्शन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

वाइस चेयरमैन ने दिए कई प्रस्ताव
दूसरी ओर पार्टी के वाइस चेयरमैन बाम देव गौतम ने ओली और दहल के बीच विवाद में बीच का रास्ता सुझाया है। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि ओली को बचे हुए ढाई साल के कार्यकाल के लिए पीएम और दिसंबर में प्रस्तावित कन्वेन्शन तक पार्टी का चेयरमैन रहने दिया जाए। इसके साथ ही, कन्वेन्शन तक प्रचंड को पार्टी के चेयरमैन की जिम्मेदारी, सभी कार्यकारी ताकतों के साथ दी जाए। गौतम ने यह भी कहा कि ओली को स्वतंत्रता से सरकार चलाने दी जाए। हालांकि, उन्होंने राय दी है कि ओली राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फैसले करने से पहले पार्टी से राय करें।

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