सबसे बड़े ट्रायल से गुजरेंगी ये 4 कोरोना वैक्सीन
कोरोना वायरस की वैक्सीन के कई कैंडिडेट अब इंसानों पर ट्रायल के अपने आखिरी चरण में पहुंच चुके हैं। कई वैक्सीनों के शुरुआती नतीजे उम्मीद जगाने वाले हैं लेकिन अमेरिका की सरकार ने फैसला किया है कि वह खुद दावेदार माने जा रहे कैंडिडेट्स के बड़े स्तर पर ट्रायल कराएगी। इसके लिए हर महीने एक वैक्सीन का 30 हजार लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। Pfizer और Moderna अपनी-अपनी वैक्सीन के 30-30 हजार लोगों पर ट्रायल की शुरुआत का ऐलान कर चुकी हैं और आने वाले दिनों में इस लिस्ट में और नाम जुड़ेंगे। यहां जानिए, दुनिया के इस सबसे बड़े वैक्सीन ट्रायल में कौन-कौन सी वैक्सीनों को परखा जाएगा….
Moderna mRNA1273 से पहले कोई वैक्सीन बाजार में नहीं लाई है। इस बार उसे अमेरिका की सरकार से करीब एक अरब डॉलर का सपॉर्ट मिला है। NIH (नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ) के डायरेक्टर फ्रांसिस कॉलिन्स का कहना है कि जब, और अगर, मॉडर्ना की वैक्सीन असरदार और सुरक्षित पाई जाती है तब उसके पास लाखों डोज तैयार होंगी। वहीं, ऐंथनी फाउची का कहना है कि मॉडर्ना के ट्रायल के नतीजे नवंबर तक आ सकते हैं लेकिन वह पहले के डेटा को देखकर काफी आश्वस्त हैं। इसके पहले चरण के ट्रायल में वैक्सीन दिए जाने पर वॉलंटिअर्स में ऐंटीबॉडी पाई गई थीं और मामूली साइड-इफेक्ट्स ही देखे गए थे।
Pfizer ने अमेरिका को 5 करोड़ लोगों के लिए वैक्सीन बनाने को सरकार से 2 अरब डॉलर का समझौता किया है। कंपनी का कहना है कि अगर ट्रायल सफल होता है तो अक्टूबर तक अप्रूवल लेकर 5 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दो डोज साल के अंत तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। कंपनी कोरोना की वैक्सीन BNT162b1 जर्मन बायोटेक कंपनी BioNTech के साथ मिलकर विकसित कर रही है। इसके अमेरिका और जर्मनी में हुए पहले चरण के ट्रायल में ऐंटीबॉडी के साथ-साथ T-cells भी पाए गए थे। Moderna की तरह यह वैक्सीन भी mRNA पर आधारित है।
Johnson & Johnson इस हफ्ते क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर रही है और सितंबर में आखिरी चरण का ट्रायल कर सकती है। कंपनी अगले साल तक एक अरब से ज्यादा डोज का उत्पादन करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने के काम में जुट चुकी है। इसके इंसानों पर ट्रायल के नतीजे सितंबर में आएंगे जिसके बाद अमेरिका में बड़े स्तर पर टेस्ट होगा। कंपनी ने अमेरिका की सरकार के साथ 1 अरब डॉलक के निवेश की डील की है जिससे वैक्सीन के विकास और उत्पादन में मदद मिल रही है। कंपनी की वैक्सीन इबोला वैक्सीन की तर्ज पर बनाई गई है।
अभी तक कोरोना वैक्सीन की रेस में सबसे आगे मानी जा रही ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी AstraZeneca की वैक्सीन AZD1222 का अमेरिका में ट्रायल अगस्त में हो सकती है। अमेरिका सरकार ने कंपनी के साथ 1 अरब डॉलर की डील की है। इस महीने सामने आए नतीजों में इस वैक्सीन के नतीजे काफी उम्मीद जगाने वाले पाए गए हैं। हजारों लोगों पर किए गए ट्रायल में दो डोज दिए जाने के बाद सभी वॉलंटिअर्स में ऐंटी-बॉडी के साथ-साथ किलर T-cells भी बनते पाए गए। मामूली साइड-इफेक्ट्स भी पैरासिटमॉल से ही ठीक हो गए। इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन करने के लिए Serum Institute of India ने AstraZeneca के साथ डील की है।