'कोरोना पर शरीर का गलत रिएक्शन पड़ेगा भारी'

'कोरोना पर शरीर का गलत रिएक्शन पड़ेगा भारी'
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

न्यूयॉर्क
वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ मरीजों में रोग प्रतिरक्षा तंत्र () का गलत ढंग से काम करना कोविड-19 के गंभीर परिणामों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इस नयी खोज से उन लोगों की पहचान करने में मदद मिल सकती है जिनके बीमारी से मरने का जोखिम अधिक होगा और उनके इलाज के लिए दवाएं सुझाई जा सकती हैं।

अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने येल न्यू हेवन अस्पताल में भर्ती 113 मरीजों की जांच की और उनके भर्ती होने से लेकर अस्पताल में रहने और अस्पताल से छुट्टी मिलने या मौत होने तक उनकी बदलती रोग प्रतिरक्षा तंत्र प्रतिक्रिया का विश्लेषण किया। अध्ययन में पाया गया कि सभी मरीजों में बीमारी के शुरुआती चरण में रोग प्रतिरक्षा तंत्र गितिविधि में साझा कोविड-19 ‘संकेत’ देखने को मिला।

हालांकि, अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जिन मरीजों में मध्यम लक्षण थे उनमें रोग प्रतिरक्षा तंत्र प्रतिक्रियाएं कम दिख रही थी और समय बीतने के साथ ही उनके शरीर में वायरस के कण के स्तर कम हो रहे थे। येल यूनिवर्सिटी से अध्ययन के वरिष्ठ लेखक अकीको इवासाकी ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह अध्ययन दिखाता है कि लोगों का रोग प्रतिरक्षा तंत्र SARS-CoV-2 के खिलाफ कैसे प्रतिक्रिया देता है। यह दिखाता है कि गंभीर मामलों में गलत प्रकार की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं जिम्मेदार होती हैं और इनमें से कुछ मृत्यु से भी संबंधित हैं।’

वैज्ञानिकों के अनुसार, जिन मरीजों में बीमारी गंभीर रूप ले लेती है उनमें न तो प्रतिरक्षा तंत्र प्रतिक्रिया कम होती है न ही उनके शरीर में वायरस कणों का स्तर घटता है। यह अध्ययन ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.