कुलभूषण पर पाक की संसद में पेश बिल

कुलभूषण पर पाक की संसद में पेश बिल
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

इस्लामाबाद
भारत के रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर के केस में पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस अध्यादेश 2020 देश की संसद में पेश किया है। इसे लेकर देश के अंदर विपक्ष सरकार पर सवाल उठाता रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार जाधव को बचाने की कोशिश कर रही जबकि सरकार सफाई दे रही है कि वह ICJ के निर्देशों का पालन कर रही है।

पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की इजाजत
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सोमवार को संसद में यह बिल पेश किया गया है। इस अध्यादेश के तहत मिलिट्री कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जा सकती है। भारतीय नौसेना के 49 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। कुछ हफ्ते बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच देने से इनकार करने और उनकी मौत की सजा को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चुनौती दी थी।

ICJ ने पिछले साल दिया था फैसला
आईसीजे ने पिछले वर्ष जुलाई में फैसला दिया कि पाकिस्तान को जाधव की सजा पर ‘प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार’ करना चाहिए और अविलंब राजनयिक पहुंच मुहैया करानी चाहिए। बीती 16 जुलाई को पाकिस्तान ने जाधव को दूसरी राजनयिक पहुंच भी दी। इसके लिए पुनर्विचार याचिका पर दस्तखत कराने भारतीय राजनयिक जाधव से मिलने पहुंचे थे।

भारत की मिली थी दूसरी राजनियक पहुंच
हालांकि, भारतीय राजनयिकों ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन जाधव से बेरोकटोक बात नहीं करने दी और बीच में दखल देते रहे। वहीं, इस अध्यादेश को लेकर पाकिस्तान के अखबार Dawn में कहा गया था कि पीपल्स पार्टी सीनेटर रजा रब्बानी ने इस बात पर सवाल किया था कि सरकार ने पाकिस्तान की संसद में अध्यादेश क्यों पेश नहीं कर रही है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.