नेपाल में नया बवाल, CJI के खिलाफ उतरे लोग

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काठमांडू
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच अभी विवाद सुलझा नहीं कि चीफ जस्टिस को लेकर नया बवाल पैदा हो गया है। नेपाली सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों की संख्या में विरोध कर रहे लोग चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की मांग कर रहे हैं।

किस बात पर मचा बवाल
दरअसल, 2012 में पत्नी की हत्या के दोषी डीआईजी रंजन कोइराला को हाई कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ डीआईजी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा ने डीआईजी रंजन कोइराला की बाकी सजा माफ करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। लोगों का कहना है कि चीफ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा और डीआईजी रंजन कोइराला करीबी दोस्त हैं। इसलिए उनकी बाकी की सजा माफ कर रिहा किया गया है।

क्या था पूरा मामला
केस के अनुसार, पारिवारिक कलह के कारण 2012 में डीआईजी रंजन कोइराला ने काठमांडू के सरकारी आवास पर अपनी पत्नी गीता की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद डीआईजी कोइराला ने गीता के शव को टुकड़ों में काटकर पास के जंगल में जाकर उसे जला दिया था। इतना ही नहीं, सबूत मिटाने के लिए डीआईजी ने शव के जले हुए टुकड़ों को गढ्ढा खोदकर उसमें दफन कर दिया था।

कैसे पकड़े गए डीआईजी
नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीआईजी पर जब अपनी पत्नी की हत्या के आरोप लगे तब वह उस जंगल में बार बार जाने लगे जहां उन्होंने शव के टुकड़ों को जमीन में गाड़ा था। उन्हें शक था कि कहीं कोई टुकड़ा बाहर न छूट गया हो। उनके बार-बार जंगल आने की वजह से स्थानीय लोगों को शक हुआ और उन्होंने डीआईजी को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। बाद में तहकीकात के दौरान शव के टुकड़े जमीन से बरामद हो गए।

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