अडवांस जंगी बेड़ा बना रहा चीन, निशाने पर US

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पेइचिंग
साउथ चाइना सी में अमेरिका और जापान की बढ़ती दखलअंदाजी को रोकने के लिए चीन इस समय नेक्स्ट जेनरेशन की दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स का निर्माण कर रहा है। टाइप 002 क्लास का यह एयरक्राफ्ट कैरियर चीन का अपनी तरह का तीसरा जंगी जहाज होगा। इन जहाजों को बनाने का काम तेजी से चल रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल के अंत तक चीन इन दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर्स को पानी में उतार सकता है।

2021 में तैयार हो जाएंगे दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर
साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर्स की असेंबलिंग की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इन जंगी जहाजों को बनाने का काम भी प्रभावित हुआ है। फिर भी आशा जताई जा रही है कि ये दोनों जहाज 2021 के अंत तक तैयार हो जाएंगे। इन दोनों युद्धपोतों को शंघाई के बाहर जियांगन शिपयार्ड द्वारा बनाया जा रहा है।

2018 में शुरू हुआ था प्रोजक्ट
सूत्रों के हवाले से एसीएमपी ने लिखा है कि टाइप 002 श्रेणी के युद्धपोतों को बनाने का काम 2018 में ही शुरू हो गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे पिछले साल रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि इन एयरक्राफ्ट कैरियर्स का निर्माण तेजी से हो रहा है, क्योंकि इससे पहने बनाए गए स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण से श्रमिकों ने बहुत कुछ सीखा है।

इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम से लैस होंगे पोत
चीन के टाइप 001 श्रेणी के एयरक्राफ्ट कैरियर्स में स्की जंप रैंप मौजूद था। जिससे विमान टेकऑफ किया करते थे। लेकिन, टाइप 002 क्लास के नए एयरक्राफ्ट कैरियर में दुनिया की सबसे एडवांस इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम लगा होगा। यह सिस्टम यूएस नेवी के नई पीढ़ी की यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड क्लास के एयरक्राफ्ट कैरियर में लगी तकनीक के जैसी है।

क्या है इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम
इलेक्ट्रो मैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर का सबसे ताकतवर प्रणाली होती है। इसी की मदद से भारी भरकम जहाजों को छोटे से रनवे से टेकऑफ के दौरान हवा में प्रक्षेपित किया जाता है। अगर किसी एयरक्राफ्ट कैरियर में इसकी जगह स्की जंप रैंप है तो उसपर भारी फाइटर जेट की तैनाती नहीं की जा सकती है।

भारत के पास यह तकनीक नहीं
भारत के पास मौजूद आइएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर में भी स्की जंप रैंप ही है। इस कारण इसपर किसी भारी फाइटर जेट को तैनात नहीं किया जा सकता है। इस युद्धपोत से अभी रूस में बने मिग 29के एयरक्राफ्ट को संचालित किया जाता है। वहीं, कुछ महीनों पहले इस एयरक्राफ्ट कैरियर से स्वदेशी एलसीए नेवी की लैंडिंग और टेकऑफ की प्रैक्टिस भी की गई थी।

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