तो चीन-रूस ने अंतरिक्ष में शुरू की 'जंग'? डीटेल

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टोक्यो
दुनिया जहां कोरोना वायरस के लगातार गंभीर होते खतरे से निपटने में जुटी है, वहीं चीन और रूस अंतरिक्ष में जंग छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। टोक्यो के अधिकारियों ने बताया है कि उन्होंने चीन और रूस की किलर सैटेलाइट को जापानी उपग्रह के पास आते हुए देखा है। जापान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि पेइचिंग और मास्को अंतरिक्ष में सैटेलाइट को डिसेबल करने या नष्ट करने का अभ्यास कर रहे हैं।

जापानी सैटेलाइट के करीब आए चीनी और रूसी सैटेलाइट किलर
जापानी अधिकारी ने कहा कि चीन और रूस के सैटेलाइट जापान की सैन्य सैटेलाइट के काफी करीब आ गए हैं। इस बारे में जापान को अमेरिका ने सूचना दी है, क्योंकि टोक्यो के पास अंतरिक्ष में चीन और रूस की सैटेलाइट्स को ट्रैक करने की क्षमता नहीं है। बताया जाता है कि इन्ही सैटेलाइट्स की मदद से जापान खुफिया सूचनाएं इकठ्ठा करता है।

अंतरिक्ष में अमेरिका से भी उलझ चुका है रूस
जापानी न्यूजपेपर योमीरी ने एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि इस साल के शुरुआत में अमेरिकी टोही सैटेलाइट के पास रूस का कोस्मोस 2542 सैटेलाइट पहुंचा था। जिसके बाद अमेरिका ने भी खतरे की चेतावनी जारी की थी। बताया गया कि रूसी किलर सैटेलाइट अमेरिकी टोही सैटेलाइट के इतना करीब था कि वह उसकी सभी फोटोग्राफिक डिटेल्स को पा सकता था।

अमेरिका के पास सबसे ज्यादा खोजी सैटेलाइट
तब भी अमेरिका ने यही कहा था कि रूस अंतरिक्ष में दुश्मन देश की सैटेलाइट को निष्किय या नष्ट करने का अभ्यास कर रहा है। अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा खोजी सैटेलाइट्स हैं जो दुनियाभर के देशों की जासूसी के साथ खुफिया सूचनाएं इकठ्ठा करते हैं। अगर इन्हें चीन या रूस में से किसी भी एक देश ने नष्ट कर दिया तो अमेरिका को युद्ध में अंधों की तरह लड़ाई करनी होगी, क्योंकि उसके पास खुफिया सूचनाएं आने में परेशानी होगी।

एंटी सैटेलाइट वेपन के मामले में चीन भी कम नहीं
कहा जाता है कि चीन के पास भी अंतरिक्ष में मार करने की क्षमता है। उसने भी जमीन से हवा में दागे जाने वाले एंटी सैटेलाइट मिसाइल और लेजर गन का विकास किया है। समय आने पर चीन कभी भी अमेरिकी खुफिया सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में निशाना बना सकता है।

भारत के पास भी अंतरिक्ष में मार करने की क्षमता
भारत ने भी मार्च 2019 में एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। भारतीय मिसाइल ने प्रक्षेपण के तीन मिनट के भीतर ही धरती के लोअर अर्थ ऑर्बिट में मौजूद एक निष्क्रिय सैटेलाइट को नष्ट कर दिया था।

क्या होता है एंटी सैटेलाइट वेपन
एंटी सैटेलाइट वेपन एक हथियार होता है जो किसी भी देश के सामरिक सैन्य उद्देश्यों के लिए उपग्रहों को निष्क्रिय करने या नष्ट करने के लिए बनाया जाता है। आजतक किसी भी युद्ध में इस तरह के हथियारों का उपयोग नहीं किया गया है। लेकिन, कई देश अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को निर्बाध गति से जारी रखने के लिए इस तरह की मिसाइल सिस्टम को जरुरी मानते हैं। अभी तक दुनिया के चार देशों अमेरिका, रूस, चीन और भारत के पास ही यक्ह क्षमता मौजूद है।

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