चीन की जासूस एजेंसी के बारे में जानते हैं आप?

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पेइचिंग
किसी भी देश की खुफिया एजेंसियां जाहिर तौर पर गुप्त रहती हैं लेकिन चीन की MSS (मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्यॉरिटी) कुछ ज्यादा ही बड़ा रहस्य है। न तो इसकी कोई ऑफिशल वेबसाइट है और न कोई संपर्कों की लिस्ट और न कोई प्रवक्ता। इसके बारे में लोगों को पता भी काफी कम है। MSS चीन की मुख्य नागरिक खुफिया जासूसी एजेंसी है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए साइबर अटैक के लिए MSS को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

MSS की देशभर में शाखाएं
साल 1983 में स्थापित की गई MSS काउंटर-इंटेलिजेंस, विदेशी इंटेलिजेंस, घरेलू सर्विलांस और नैशनल सिक्यॉरिटी के लिए इंटेलिजेंस के काम करती है। दूसरे मंत्रालयों की तरह पूर देश में इसकी भी प्रांतीय और म्युनिसिपल शाखाएं हैं। MSS के अध्यक्ष चेन वेन्किंग हैं जो सिचुआन में 20 साल सिक्यॉरिटी फोर्सेज में काम कर चुके हैं। 2015 में खुफिया एजेंसी जॉइन करने से पहले चेन दो साल तक कम्युनिस्ट पार्टी के वॉचडॉग में पूर्व भ्रष्टाचार-विरोधी अधिकारी वान्ग किशान के डेप्युटी रहे।

दोनों डेप्युटी चीफ की पहचान जाहिर
खुफिया एजेंसी के डेप्युटी मंत्रियों के नाम सार्वजनिक नहीं होने चाहिए लेकिन उनमें से एक मा जियान की पहचान अमेरिका में जाकर बस गए भगोड़े व्यापारी गुओ वेन्गुई के साथ संबंधों के चलते जाहिर हो गई। दूसरे डेप्युटी चीफ क्वी शिन की पहचान तब जाहिर हो गई जब वह चॉन्गकिंग के पुलिस चीफ वान्ग लिजुन को पेइचिंग लेकर गए थे।

ऐसे काम करती है MSS
साल 2017 में लागू हुए नैशनल इंटेलिजेंस कानून के तहत MSS बाकी खुफिया एजेंसियों की तरब चीन और बाहर जासूसी करने, विदेशी और घरेलू संस्थानों और लोगों पर नजर रखने और उनकी जांच करने काम करती है। यह खुफिया जानकारी लीक करने वालों को 15 दिन तक हिरासत में भी रख सकती है। चीन के क्रिमिनल प्रोसीजर लॉ के तहत MSS के पास आम पुलिस की तरह नैशनल सिक्यॉरिटी से जुड़े अपराधों में हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने का अधिकार भी है।

ऑस्ट्रेलिया में लग रहा है आरोप
ऑस्ट्रेलिया ने आरोप लगाया है कि उसने हुवावे (Huawei) के 5जी नेटवर्क पर बैन लगा दिया है इसलिए MSS ऑस्ट्रलिया सरकार और इंडस्ट्री पर साइबर हमले कर रही है। ऑस्ट्रेलिया सरकार के दो पूर्व अधिकारियों ने न्यूज पोर्टल एबीसी को बताया है कि सबूतों से यही इशारा मिला है कि साइबर हमले के पीछे MSS है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बताया था कि देश के सरकारी, औद्योगिक, राजनीतिक, शिक्षण, स्वास्थ्य, लगभग सई संगठनों पर हमला हुआ है। कुछ गतिविधियों में COVID-19 से जुड़ी जानकारी चुराने की कोशिश की ओर इशारा भी मिल रहा है।

(Source: साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट)

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