चीन के खिलाफ चक्रव्यूह, भारत के साथ मालदीव

चीन के खिलाफ चक्रव्यूह, भारत के साथ मालदीव
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माले
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद से दुनियाभर से भारत को समर्थन मिल रहा है। अमेरिका और के बाद अब ने मालदीव ने शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने ट्वीट किया कि सीमा पर हालिया संघर्ष में सैनिकों की शहादत पर मालदीव भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है। हमारी संवेदनाएं सैनिकों के परिजनों और प्रियजनों के साथ हैं। बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह के निर्वाचन के बाद से मालदीव और भारत के बीच संबंध प्रगाढ़ हुए हैं।

अमेरिका भी बोला- हम भारत के साथ
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गलवान घाटी में चीनी हमले में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर गहरा दुख जताया है। उन्‍होंने कहा कि दुख की इस घड़ी हम शहीद सैनिकों के परिवार वालों के साथ खड़े हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर जब उन्‍होंने चीन के शीर्ष वार्ताकार यांग जियाची के साथ कई घंटे तक बैठक की है। यह वही यांग जियाची हैं जो चीन की ओर से भारत के साथ सीमा विवाद पर मुख्‍य वार्ताकार हैं।

भारत-चीन सैन्य हिंसा पर अमेरिका की नजर
इससे अमेरिका ने पूरे विवाद के ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की उम्मीद जताई थी। अमेरिका के गृह विभाग ने हिंसा में शहीद हुई भारत के जवानों के परिवारों से संवेदना प्रकट की थी। ताजा हालात पर अमेरिका ने कहा था कि भारत और चीन दोनों ने पीछे हटने की इच्छा जाहिर की थी और हम मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। हमें पता चला है कि भारतीय सेना ने अपने 20 जवान शहीद होने का ऐलान किया है, हम उनके परिवारों को सांत्वना देते हैं।’

RIC कॉन्फ्रेंस से पहले भारत को मिला रूस का साथ
चीन के साथ हिंसक सीमा संघर्ष के बीच रूस ने भी भारत को मजबूती से समर्थन दिया है। सूत्रों के मुताबिक रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बनने पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर को बधाई दी। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के तनाव को लेकर भी चर्चा की। रूस ने भारत-चीन वार्ता का स्वागत भी किया।

रूस की पहल पर चीन के साथ बैठक!
विदेश मंत्री एस जयशंकर 23 जून को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में एस जयशंकर के अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्जेई लावरोव हिस्सा लेंगे। इससे पहले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद बैठक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। सोमवार को चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस टकराव की घटना ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर पहले से बनी हुई नाजुक स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बैठक में जयशंकर के भाग लेने की पुष्टि की है।

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