भारत से तनाव, चीनी आर्मी ने किया युद्धाभ्यास
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में सोमवार को हुए संघर्ष के बाद चीनी सेना ने बॉर्डर क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया। मंगलवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) तिब्बत मिलिट्री कमांड ने तिब्बत के ऊंचाई वाले क्षेत्र में व्यापक रूप से संयुक्त युद्धाभ्यास किया। इसमें चीनी सेना के साथ वायुसेना भी शामिल थी। बता दें कि सोमवार को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में भारत के कम से कम 20 जवान शहीद हो गए वहीं, चीन के 43 जवानों के हताहत होने की खबर है।
चीनी सेना ने लंबी दूरी तक मार करने वाले ऑर्टिलरी सिस्टम, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, विशेष ऑपरेटिव फोर्स, आर्मी एविएशन फोर्स, इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमर्स फोर्स और इंजीनियरिंग और एंटी-केमिकल वारफेयर के सैनिकों के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया।
चीनी मीडिया ने पीएलए तिब्बत सैन्य कमान से मिली जानकारी के हवाले से बताया कि हाल ही में 4,700 मीटर की उंचाई पर स्थित नियांगकिंग तांगगुला या न्येनचेन टोंगला के पहाड़ों में यह युद्धाभ्यास किया गया। इसमें दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करने के साथ ही खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने की टेक्टिस को परखा गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अभ्यास के शुरुआती चरणों में स्काउट सैनिकों ने तकनीकी का इस्तेमाल कर पहले दुश्मन के क्षेत्र की खुफिया जानकारी इकट्ठा की। इसके बाद मुख्य कमांड के जरिए लक्ष्य निर्धारित किए गए। इसके बाद चीनी आर्टिलरी और स्नाइपर्स ने शत्रुओं के अग्रिम पंक्ति की चौकी और पैदल सैनिकों पर सटीक हमले शुरू किए।
इस दौरान चीनी सेना के युद्धक टैंक और आर्मर्ड व्हीकलों ने भी हिस्सा लिया और दुश्मनों के क्षेत्र में जमकर बमबारी की। युद्धाभ्यास के दौरान ड्रोन की मदद से दुश्मन के इलाके की रेकी की गई और एटी एयरक्राफ्ट गन से दुश्मनों के कई अटैक हेलिकॉप्टरों को मार गिराया गया।
युद्धाभ्यास के दौरान अंतिम हमले में कई किलोमीटर के दायरे में तैनात सभी हथियारों ने एक संयुक्त फायर स्ट्राइक प्रणाली बनाई और विरोधी ताकतों को खत्म करने की क्षमता का प्रदर्शन किया। माना जा रहा है कि चीन इस तरह की खबरों को जानबूझकर प्रसारित करवाकर प्रोपगेंडा वॉर को आगे बढ़ा रहा है।