चीन से ऑस्ट्रेलिया को बचाने 'फौज' भेज रहा US
में चीन के बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका अपने 1200 मरीन कमांडोज को ऑस्ट्रेलिया भेजने की तैयारी कर रहा है। ये कमांडो दस्ता जून के अंत तक ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस के उत्पत्ति की जांच का समर्थन करने के कारण चीन का ऑस्ट्रेलिया के साथ भी तनाव बढ़ गया है। दोनों देश एक दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया को कहा था ‘अमेरिका का पालतू कुत्ता’
बता दें कि चीन ने कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया को ‘अमेरिका का पालतू कुत्ता’ कहकर संबोधित किया था। इस पर ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी। बता दें कि चीन उन वस्तुओं की सूची तैयार कर रहा है जिसे वह भारी मात्रा में ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है। चीनी प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से आने वाले मांस पर पहले ही रोक लगा चुका है।
चीन समुद्र में चला रहा पावर गेम
साउथ चाइना सी में ‘जबरन कब्जा’ तेज कर दिया है। पिछले रविवार को चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्ट्रक्चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्सों पर कब्जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से ना सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है।
कोरोना के कहर में भी जारी चीन का खेल
हालात पर नजर रख रहे सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी को इग्नोर कर चीन इस इलाके में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में जुट गया है। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, “अपने छोटे और कमजोर पड़ोसियों को लेकर चीन का आक्रामक रवैया है। यह ऐसी बात है जिससे अन्य देश इन चिंताओं (ताइवान, तिब्बत आदि) के प्रति संवेदनशील रहें। चीन का दोहरा रवैया खुलकर सामने आ रहा है।”
पहले भी चीन दिखा चुका है हनक
साउथ चाइना सी पर अधिकार जताने से नाराज होकर वियतनाम ने कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के खिलाफ शिकायत की थी। तीन दिन बाद, चीनी जहाजों ने एक वियतनामी जहाज को टक्कर मार-मार कर डुबो दिया। उसकी इस हरकत का फिलीपींस से लेकर अमेरिका तक विरोध हुआ। मनीला ने बीजिंग के खिलाफ जाते हुए बयान जारी कर कहा था, “ऐसे ही अपने एक अनुभव से हमें पता चला कि दोस्ती में भरोसा कितना कम हो गया है और हमारे मछुआरों की जिंदगी बचाकर वियतनाम ने जो किया, उससे कितना भरोसा पैदा हुआ।”