वुहान जैसे लैब हर प्रांत में खोलेगा चीन
चीन ने अपने हर प्रांत में एक P3 रीसर्च लैब बनाने का फैसला किया है ताकि देश में महामारी रोकने की क्षमता को बेहतर किया जा सके और लोगों की सेहत की सुरक्षा की जा सके। P3 लैब बायलॉजिकल सेफ्टी के मामले में दूसरे नंबर पर होती हैं और ऐसे खतरनाक पैथोजन्स को स्टडी करने के लिए बनाई जाती हैं जिनसे हवा में फैलने वाली खतरनाक या जानलेवा बीमारियां होने का खतरा हो।
चीन ने यह फैसला वुहान लैब से दिसंबर में कोरोना वायरस महामारी फैलने की आशंकाओं के बीच लिया है। वुहान के वायरॉलजी इंस्टिट्यूट में P3 और P4, दोनों लेवल की लैब हैं। हर प्रांत में P3 लैब बनाने का फैसला नैशनल डिवेलपमेंट ऐंड रिफॉर्म कमिशन ने बुधवार को किया। यहां यलो फीवर वायरस और वेस्ट नील वायरस जैसे एजेंट्स को रखा जा सकेगा।
इसलिए खोले जा रहे लैब
चीन ने वुहान में P4 लैब बनने से पहले SARS कोरोना वायरस को P3 लैब में स्टडी किया था। केंद्र की सरकार कोरोना वायरस का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी ने चीन की महामारी रोकने और नियंत्रित करने की क्षमता की पोल खोल दी है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि लोगों की सेहत और जिंदगी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए असरदार शील्ड बनाने की जरूरत है। इसलिए P3 लैब खोलने का फैसला किया गया है।
कैसे रोकी जाए महामारी
इस प्लान के मुताबिक हर शहर को P2 लैब भी मिलेगी जहां कम गंभीर इन्फेक्शियस कीटाणुओं को स्टडी किया जाएगा। इस प्लान में यह भी निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय स्तर के अस्पतालों में इलाज की क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती है। साथ ही, शहरी नेटवर्क के विकास और महामारी से निपटने और मेडिकल बेस को दुरुस्त करने के तरीके बताए गए हैं।
वुहान लैब, वेट मार्केट पर आरोप
कोरोना वायरस के फैलने को लेकर दुनियाभर में देश चीन की आलोचना करते रहे हैं। चीन के ऊपर वायरस के इन्फेक्शियस होने की बात छिपाने और खुद देर से निपटने के आरोप लगते आ रहे हैं। वायरस कैसे फैला, इसे लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की जा सकी है लेकिन अमेरिका समेत कई देशों ने आशंका जताई है कि वुहान के लैब से वायरस बाहर निकला और फिर वुहान की वेट मार्केट में जंगली जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचा। हालांकि, इनमें से किसी भी दावे को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।