Open Skies Treaty: बाहर US, रूस संबंधों में तनाव ?
ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह ‘ओपन स्काइज’ संधि से बाहर हो रहा है और इसके लिए उसने रूस को जिम्मेदार ठहराया है। इस संधि के तहत 30 से अधिक देशों को एक-दूसरे के क्षेत्र में हथियारों के बिना निगरानी उड़ानों की अनुमति है। दशकों पहले यह व्यवस्था परस्पर विश्वास बढ़ाने और संघर्ष को टालने के लिए शुरू की गई थी। अमेरिका का कहना है कि वह इस संधि से बाहर होना चाहता है क्योंकि रूस समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उड़ानों के दौरान ली गईं तस्वीरें अमेरिका या कमर्शल सैटलाइट्स से काफी कम लागत पर तुरंत हासिल की जा सकती हैं। हालांकि, ऐसे आसार हैं कि संधि से अलग होने पर रूस के साथ अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। इसके अलावा उसके यूरोपीय सहयोगी और कांग्रेस के कुछ सदस्य भी नाराज हो सकते हैं।
1955 में दिया गया था प्रस्ताव
इस संधि के लिए पहली बार जुलाई 1955 में प्रस्ताव तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डी आइजनहावर ने दिया था। इसके प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ को एक-दूसरे के क्षेत्र में हवाई टोही उड़ानों की अनुमति देने की बात कही गई थी। हालांकि, मॉस्को ने पहले उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था लेकिन राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने मई 1989 में फिर से यह प्रस्ताव किया और जनवरी 2002 में यह संधि लागू हो गई।
पारदर्शिता को बढ़ावा देना उद्देश्य
अभी 34 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। किर्गिस्तान ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन उसने अभी तक इसकी अभिपुष्टि नहीं की है। इस संधि के तहत 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन किया गया है जिसका उद्देश्य सैन्य गतिविधि के बारे में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और हथियारों के नियंत्रण और अन्य समझौतों की निगरानी करना है। संधि में सभी देश अपने सभी क्षेत्रों को निगरानी उड़ानों के लिए उपलब्ध कराने पर सहमत हैं, फिर भी रूस ने कुछ क्षेत्रों में उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।