कोरोना: ट्रंप के आगे झुका WHO, होगी जांच
अमेरिकी राष्ट्रपति के तीखे तेवर के बाद महामारी से निपटने में के भूमिका की अब जांच होगी। डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश इस वैश्विक संकट के प्रति संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी की जवाबी कार्रवाई की स्वतंत्र जांच पर मंगलवार को सहमत हो गए। डब्ल्यूएचओ की वार्षिक सभा में हिस्सा ले रहे देशों ने इस संकट के प्रति संयुक्त जवाबी कार्रवाई की अपील करते हुए आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया।
यूरोपीय यूनियन ने पेश किया था प्रस्ताव
यूरोपीय यूनियन द्वारा पेश प्रस्ताव में इस महामारी के प्रति अंतरराष्ट्रीय जवाबी कार्रवाई के निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं समग्र मूल्यांकन की मांग की गई है। दुनियाभर में अबतक इस महामारी से 48 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 318,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
प्रस्ताव में अमेरिका भी शामिल
प्रस्ताव में कहा गया है कि जांच में यह शामिल हो कि कोरोना वायरस महामारी के संबंध में डब्ल्यूएचओ ने कब-कब, कौन कौन से कदम उठाये। अमेरिका ने इस आम सहमति से अपने आप को अलग नहीं किया। कुछ देशों ने आशंका जताई थी कि अमेरिका इससे खुद को अलग कर सकता है।
भारत समेत 130 देशों ने किया समर्थन
यूरोपीय यूनियन के इस प्रस्ताव का भारत समेत दुनिया के 130 देशों ने समर्थन किया। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुए इस कार्यक्रम में सबने कोरोना वायरस की उतपत्ति और डब्लूएचओ के भूमिका की जांच का समर्थन किया।
डब्लूएचओ पर भड़का अमेरिका
अमेरिका ने इस सभा के पहले दिन सोमवार को डब्ल्यूएचओ को फटकार लगायी थी और इसे चीन का तोता करार दिया था। मंगलवार के प्रस्ताव में देशों से कोविड-19 के खिलाफ किसी भी उपचार या टीके तक पारदर्शी, समान और समय से पहुंच सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया गया है। वैसे यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है और उसमें किसी भी देश का उसके नाम से उल्लेख नहीं है।
वायरस के सोर्स की भी होगी जांच
प्रस्ताव में इस वायरस के पैदा होने के विवादास्पद मुद्दे को भी शामिल किया गया है और डब्ल्यूएचओ से इस वायरस के जानवर संबंधी सोर्स तथा उसके इंसान में पहुंचने के मार्ग की जांच में मदद करने की अपील की गयी है। यह वायरस सर्वप्रथम पिछले साल के आखिर में चीन में सामने आया था।