पाक में हिंदुओं के लिए 'दुश्मन' बने तबलीगी
पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े प्रांत सिंध प्रांत में हिंदुओं के उत्पीड़न के एक वीडियो ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान और वहां कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहे तबलीगी जमात के सदस्यों की क्रूरता को उजागर कर दिया है। पाकिस्तान में हिंदुओं की सबसे अधिक आबादी वाले सिंध प्रांत का यह वीडियो इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। मटियारी जिले के इस वीडियो में एक हिंदू महिला चीख-चीख कर कह रही है, ‘हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे।’
पाकिस्तानी हिंदू महिला के इस वीडियो ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो ने न केवल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न बल्कि तबलीगी जमात की बर्बरता को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। दरअसल, सिंध में रह रहे हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि इस्लामिक समूह तबलीगी जमात ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनके घरों को ध्वस्त कर दिया। यह नहीं इस्लाम अपनाने से इनकार करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी कर लिया गया है।
सिंध का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में भील समुदाय के हिंदू जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करते हुए देखे जा सकते हैं। तबलीगी जमात के खिलाफ हाथ से लिखे पोस्टर पकड़े महिलाओं, बच्चों को नासूरपुर, मटियारी में विरोध प्रदर्शन करते देखा गया। इस दौरान एक महिला जमीन पर लेट गई और चीख-चीख कर सिंधी भाषा में कहने लगी, ‘हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे।’ हिंदू महिला ने कहा कि उनकी संपत्तियों को हड़प लिया गया, घरों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें पीटा गया है। महिला ने कहा कि उन्हें तबलीगी जमात के सदस्यों की ओर से कहा जा रहा है कि अगर घर वापस चाहिए तो इस्लाम अपनाना होगा।
महिला ने बताया कि मेरे बेटे का तबलीगी जमात के सदस्यों ने अपहरण कर लिया है। वीडियो में महिला अपने बेटे को रिहा करने के लिए तबलीगी जमात से रहम की भीख मांग रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पाकिस्तान के एक हिंदू सांसद ने मामले में जांच कराने की मांग की है। पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद डॉ रमेश वंकवानी ने कहा कि वीडियो में दिख रहा है कि महिलाएं और बच्चे तख्तियां और बैनर लेकर तबलीगी जमात समूह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
वंकवानी ने कहा कि इस घटना को लेकर सरकार की अल्पसंख्यक परिषद को तत्काल जांच के आदेश देने चाहिए क्योंकि सिंध के आंतरिक हिस्सों में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ हिंदू समुदाय लंबे समय से विरोध दर्ज करवा रहा है। सिंध प्रांत के हिंदुओं का आरोप है कि तबलीगी जमात समूह के लोगों ने प्रांत के मटियार क्षेत्र के नसूरपुर गांव में उनके घर क्षतिग्रस्त किए और उन्हें प्रताड़ित किया गया।
ट्विटर पर महिला के वीडियो को शेयर करने वाले पाकिस्तानी मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से बातचीत में कहा, ‘दुनिया में जिहाद के लिए पाकिस्तान में तबलीगी जमात के लोगों की भर्ती की जाती है। उन्हें खानाबदोशी सीखाई जाती है ताकि वे कट्टरपंथ की ओर मुड़ें। इसके बाद उन्हें जिहाद के नाम पर आतंकवाद की ओर मोड़ा जाता है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाईयों का धर्म परिवर्तन कराना इनका मकसद है । इसके लिए वे हरेक नापाक हरकते करते हैं।’
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा था कि इमरान खान सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यक समुदायों पर भयावह धार्मिक रूप से प्रेरित हमले हुए हैं। सिंध और पंजाब में हिंदू व ईसाई दोनों समुदायों को पिछले साल भी बड़े स्तर पर जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ा था। पिछली घटनाओं को याद करते हुए आयोग ने कहा कि पंजाब और सिंध में 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का अपहरण किया गया, उन्हें जबरन धर्मांतरित कर उनका निकाह कर दिया गया। आयोग ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं और हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है, क्योंकि उन पर ईश निंदा का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है।
आयोग का कहना है कि हिंदू समुदाय को लंबे समय से निशाना बनाया जा रहा है। आयोग ने कहा, ‘उन्हें स्कूल में इस्लामी अध्ययन सीखने के लिए भी मजबूर किया जाता है। कुछ चिंताएं यह भी हैं कि ईसाई समुदाय के लिए पर्याप्त दफन करने की जगह और हिंदू समाज के लिए श्मशान भूमि नहीं हैं।’ पाकिस्तान में अदालत ने 2014 में धार्मिक सहिष्णुता, पाठ्यक्रम में सुधार, मीडिया में अभद्र भाषा के खिलाफ कार्रवाई, पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल, और शीघ्र पंजीकरण के लिए एक कार्यबल का गठन करने का निर्देश दिया था। मगर एचआरसीपी ने कहा कि अभी तक इस संबंध में कुछ भी नहीं हुआ है।