ऐसा ऐस्टरॉइड जिसके पास है खुद का चांद

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वॉशिंगटन
स्पेस में कभी-कभी ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं जो किसी को भी हैरान कर सकते हैं। आमतौर पर ऐस्टरॉइड का नाम सुनाई देने पर टक्कर और डायनॉसोर जैसी त्रासदी याद आती है लेकिन एक ऐसा ऐस्टरॉइड भी है, जिसके पास अपना खुद का चांद ही। 243 Ida पहला ऐसा ऐस्टरॉइड है जिसका खुद का चांद है। यह दूसरा ऐसा ऐस्टरॉइड है जहां कोई स्पेसक्राफ्ट पहुंचा था।

29 सितंबर, 1884 को खोजा गया Ida मार्स और जूपिटर के बीच में है। ये उन ऐस्टरॉइड्स में से एक है जो किसी बड़े ऑबजेक्ट में टक्कर होने से बनते हैं। इसकी सतह पर मौजूद गड्ढों से पता चलता है कि यह कितना पुराना है। यह सिलिकेट रॉक से बना है। इसका चांद Dactyl 17 फरवरी, 1994 को खोजा गया था। माना जाता है कि यह हमारे सोलर सिस्टम की सबसे छोटी नैचरल सैटलाइट है। इसका डायमीटर 1.4 किमी है। यह Ida से करीब 90 किमी दूर ऑर्बिट कर रहा है।

22 ऐस्टरॉइड्स पर नजर
कुछ दिन पहले 1998 OR2 पृथ्वी के करीब 63 लाख किमी दूर से 19,000 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से निकल गया गया। इसकी पृथ्वी से कोई टक्कर नहीं हुई लेकिन अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक ऐसे करीब 22 ऐस्टरॉइड्स (उल्कापिंड) हैं जो आने वाले सालों में धरती के करीब आ सकते हैं और टक्कर की संभावनाएं हो सकती हैं। NASA का Sentry सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।

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