त्वरित न्याय दिलाने में आपसी समझौता महत्वपूर्ण: न्यायाधीश नवीन सिन्हा

त्वरित न्याय दिलाने में आपसी समझौता महत्वपूर्ण: न्यायाधीश नवीन सिन्हा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

न्यायालयीन प्रकरणों के तेजी से निराकरण में टेक्नोलाॅजी का उपयोग किया जाए

रायपुर, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय श्री नवीन सिन्हा ने कहा है कि लोगों को त्वरित न्याय मिले। इसके लिए जरूरी है कि छोटे-छोटे मामलों को आपसी समझौते से निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि न्यायालयीन प्रकरणों के निपटारे के लिए न्यायाधीशों को बेहतर तैयारी करनी चाहिए, जिससे वे प्रकरणोें पर अपने निर्णय शीघ्रता से दे सके। इसके साथ ही उन्होंने न्यायालयीन प्रकरणों के तेजी से निपटारे के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल और वकीलों के प्रशिक्षण के लिए अकादमी प्रारंभ करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री सिन्हा आज ’भारतीय न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों के कारणों का विश्लेषण एवं उनके निदान के चरण’ पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन महाधिवक्ता कार्यालय के द्वारा उच्च न्यायालय के ऑडिटोरीयम में किया गया।

न्यायाधीश श्री सिन्हा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार न्यायालयों की अधोसंरचना विकास के लिए कदम उठा रही है। छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है, जहां कमर्शियल कोर्ट स्थापित किया गया है, जहां आॅनलाइन फाइलिंग की सुविधा दी जा रही है। न्यायालयीन प्रकरणों को तेजी से निपटारे के लिए न्यायाधीशों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न्यायालय में कोई मामला लंबित होता है तो इसके प्रक्रियागत व्यावहारिक, सामाजिक, प्रोफेशनल, लीगल सहित कई पहलू होते हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि संविधान में हर किसी के अधिकार की सुरक्षा है। न्यायालयों को न्याय करते समय यह भी देखना आवश्यक होता है कि न्यायालयीन प्रक्रिया का किसी प्रकार से उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। इसके अलावा न्यायालय में कई छोटे-छोटे मामले भी होते हैं, जिन्हें आपसी समझौते से निपटाया जा सकता हैं। यह ऐसे मामले भी होते हैं, जिसके कारण लंबित मामले की संख्या बढ़ जाती है। श्री सिन्हा ने कहा कि न्यायालयों में लंबित मामले के संबंध में यह भी विचारणीय है कि क्या न्यायालयों की संख्या कम है। न्यायाधीशों एवं वकीलों के प्रशिक्षण की जरूरत है, इन सभी मुद्दों पर विचार करना होगा।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री पी.आर. रामचंद्र मेनन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। महाधिवक्ता श्री सतीश चंद्र वर्मा ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए उनके द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्लेख किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री प्रशांत मिश्रा, न्यायाधीश श्री मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव सहित सभी न्यायाधीशगण, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री विवेक रंजन तिवारी, श्री आलोक बक्शी, श्रीमति फौजिया मिर्जा, श्री अमृतो दास, सभी उप महाधिवक्तागण, शासकीय अधिवक्तागण, पैनल लायर्स, स्टेट बार काउन्सिल एवं हाईकोर्ट बार काउन्सिल के पदाधिकारी, हाईकोर्ट रजिस्ट्री अधिकारी आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम में लोगों की उपस्थिति दर्ज होने के कारण ऑडिटोरियम के बाहर भी बड़ी एलसीडी लगाकर व्याख्यान सुनने की व्यवस्था की गयी थी।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.