डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 पर उच्‍चस्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 पर उच्‍चस्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता की
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नई दिल्ली : केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है, ‘हमें देश में कोविड-19 के कारण उत्‍पन्‍न खतरे से निपटने के लिए एक इकाई के रूप में समन्वित और सामूहिक प्रयासों के साथ कार्य करना होगा।’ डॉ. हर्षवर्धन दिल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, डॉ. सत्‍येन्‍द्र जैन की उपस्थिति में सभी वरिष्‍ठ अधिकारियों और दिल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों के निदेशकों/चिकित्‍सा अधीक्षकों के साथ बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे थे।

मंत्रालय में सचिव सुश्री प्रीति सूदन ने दोनों मंत्रियों को वर्तमान स्थिति, वैश्विक और राष्‍ट्रीय स्थिति से अवगत कराया। उन्‍होंने बताया कि अब तक 78 देश कोविड-19 से प्रभावित हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन में राज्‍यों और केन्‍द्र द्वारा उच्‍च स्‍तर की सतर्कता बढ़ती जा रही है। उन्‍होंने संशोधित यात्रा प्रतिबंधों, स्‍व-घोषणा और चीन, ईरान, कोरिया गणराज्‍य, इटली और जापान तथा कोविड-19 से प्रभावित अन्‍य देशों की अनावश्‍यक यात्रा से बचने के लिए 03 मार्च, 2020 को जारी संशोधित यात्रा परामर्श की जानकारी दी।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हालांकि केन्‍द्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ अंतर-क्षेत्रीय समन्‍वय कायम किया गया है, यह प्रशंसनीय है कि राज्‍य/संघ शासित प्रदेश जिम्‍मेदारी के साथ प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त कर रहे हैं और कोविड-19 से निपटने के लिए उपयुक्‍त कार्यवाही और तैयारी कर सर्वश्रेष्‍ठ प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि समय की मांग है कि और अधिक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया जाए ताकि बड़े पैमाने पर इसे समुदाय में फैलने से रोका जा सके। इसके लिए समूह नियंत्रण रणनीति, जिला कलेक्‍टर को और अधिक जवाबदेह बनाने, संपर्क का पता लगाने, राज्‍य और जिला निगरानी दलों को मजबूत बनाने जैसे दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्‍यकता है।

डॉ. हर्षवर्धन ने राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे बीमारी की तैयारी और निगरानी, प्रयोगशाला रोग निदान, अस्‍पताल की तैयारी, लॉजिस्टिक प्रबंध, क्षमता निर्माण और जोखिम की जानकारी देने जैसी प्रमुख क्षमताओं को मजबूत बनाए।

डॉ. हर्षवर्धन ने राज्‍यों को सलाह दी कि वे आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करें ताकि प्रत्‍येक जिले में जरूरत पड़ने पर पुष्‍ट/संदिग्‍ध मामलों के साथ-साथ साधनों की जरूरतों को समायोजित किया जा सके और प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और स्‍थानीय केबल टीवी चैनलों, एफएम रेडियो आदि का इस्‍तेमाल करने सहित स्‍थानीय भाषाओं में सोशल मीडिया के जरिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाई जा सके।

बैठक के दौरान आईसीएमआर के सचिव डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) श्री संजीव कुमार, डीजीएचएस डॉ. राजीव गर्ग, एम्‍स (दिल्‍ली) के निदेशक डॉ. रनदीप गुलेरिया, संयुक्‍त सचिव श्री लव अग्रवाल, एसडीएमसी, ईडीएमसी, एनडीएमसी के आयुक्‍त, केन्‍द्रीय विद्यालय और दिल्‍ली सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारी मौजूद थे।

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