चुराया हुआ ड्रोन चीन से वापस नहीं चाहिए: ट्रंप

चुराया हुआ ड्रोन चीन से वापस नहीं चाहिए: ट्रंप
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail
पेइचिंग. चीन ने दक्षिण चीन सागर में एक मानवरहित ड्रोन को जब्त किया है। यह जानकारी एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने दी। चीन की नौसेना की ओर से अमेरिकी ड्रोन को जब्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव का पटाक्षेप होता दिख रहा है।
अमेरिका ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया 
चीनी रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के साथ ड्रोन को वापस किए जाने को लेकर बातचीत जारी है। चीन ने कहा कि दोनों देश इस मुद्दे से समुचित तरीके से निपट रहे हैं और उसे सफलतापूर्वक सुलझा लिया जाएगा। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका पर इस मुद्दे पर बहुत ज्यादा तूल देने का भी आरोप लगाया। चीन ने कहा कि अमेरिका ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और मामले को सुलझाने में मदद नहीं की।
अमेरिकी ड्रोन को लौटाने के लिए एक अनुरोध मिला
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, हमारी समझ के मुताबिक अमेरिका और चीन दोनों सेनाओं के बीच माध्यमों के जरिये इसे उपयुक्त रूप से निपटाने पर काम कर रहे हैं। इससे पहले चीनी सेना ने पुष्टि की थी कि उसे अमेरिकी ड्रोन को लौटाने के लिए एक अनुरोध मिला है। उसने कहा, इस मुद्दे को सफलतापूर्वक सुलझा लिया जाएगा।
इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना
चीनी नौसेना की ओर से गुरुवार को दक्षिण चीन सागर में मौजूद अमेरिका के एक ड्रौन को जब्त कर लिया गया था। इतिहास में यह अपनी तरह की पहली घटना है, जब अमेरिका के किसी उपकरण को समुद्र के भीतर से किसी देश ने जब्त किया है। ड्रोन को उस वक्त चीनी नौसेना द्वारा जब्त किया गया, जब फिलीपींस के पास अमेरिकी नेवी का एक मानवरहित अंडरवॉटर वीइकल (यूयूवी) सर्वे कर रहा था।
चीनी नौसेना के वॉरशिप ने ‘अज्ञात उपकरण’ को पकड़ा 
शनिवार को ही चीन के प्रभावशाली अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अज्ञात चीनी सूत्रों के हवाले से लिखा था कि चीनी नौसेना के वॉरशिप ने ‘अज्ञात उपकरण’ को पकड़ा था ताकि किसी तरह के समुद्री खतरे की आशंका को टाला जा सके। पेंटागन की ओर से शुक्रवार को इस घटना की पुष्टि की गई थी।
इस ड्रोन में कमर्शल तौर पर उपलब्ध तकनीक का इस्तेमाल
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया था कि इस ड्रोन में कमर्शल तौर पर उपलब्ध तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा था। पेंटागन ने चीन की ओर से ड्रोन को जब्त किए जाने की घटना को गंभीरता से लिया है क्योंकि वह अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की संपत्ति था। पेंटागन के प्रवक्ता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘वह हमारा था और उसमें यह स्पष्ट तौर पर लिखा था, हम उसे वापस चाहते हैं। हम चाहेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो।’
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.