15 वर्ष तक किसानों के पेट में मारी लात आज भाजपा को याद आ रही है भात पर बात

15 वर्ष तक किसानों के पेट में मारी लात आज भाजपा को याद आ रही है भात पर बात
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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा है कि 15 साल तक भाजपा ने किसानों के पेट पर मारी लात और भाजपा को याद आ रहा है भात। किसान आत्महत्या करते रहे, गरीबी भुखमरी में रहे, तब भाजपा को किसान की याद नहीं आई, तब भाजपा को धान की याद नहीं आई, चावल में भाजपा सरकार में घोटाले होते थे। आज किसान खुश है, किसान हरेली, तीजा, पोला, गोवर्धन पूजा का त्यौहार मना रहा है और छेरछेरा मनाने जा रहा है। त्यौहार के दिन आंदोलन की बात करके भारतीय जनता पार्टी ने इस बात को साबित कर दिया है कि किसान का हंसी खुशी रहना भाजपा को बर्दाश्त नहीं है। भाजपा को छत्तीसगढ़ के रीति रिवाजों की समझ नहीं है। चावल से भात बनता है, धान से चावल बनता है।
भाजपा बताएं कि
1 धान का ढाई हजार रुपये खरीदी मूल्य भाजपा को बर्दाश्त क्यों नहीं है?
2 2500 रू. देने पर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चावल नहीं लेने का आदेश भाजपा की केन्द्र सरकार ने क्यों जारी किया?
3 आज भात पर बात करने वाले भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेताओं ने छत्तीसगढ़ के किसानों के धान से बना चांवल लेने के लिये केन्द्र सरकार को क्यों नहीं कहा?
4 भाजपा से यह भी सवाल है कि भाजपा छत्तीसगढ़ के सांसदों के लिये छत्तीसगढ़ के किसानों के हित से ज्यादा महत्वपूर्ण भाजपा की केन्द्र सरकार के किसान विरोधी रवैया का समर्थन करना क्यों है?
5 स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों और किसानो की आय दुगुनी करने के भाजपा के वादों का क्या हुआ?

भाजपा इन पांच सवालों का जवाब दें।
किसान विरोधी रवैये के लिये किसान के त्योहार, मजदूर के त्योहार छेरछेरा में विघ्न डालने की आसुरी प्रवृत्ति के लिये छत्तीगढ़ के लोगों से क्षमा याचना करें।
भाजपा को त्योहारो से बड़ी आपत्ति है। दरअसल भाजपा की मूल प्रवृत्ति छत्तीसगढ़ विरोधी, किसान विरोधी और गरीब विरोधी है। छत्तीसगढ़ का आम आदमी खुशियां मनाता है, तो भाजा के सीने में सांप लोट जाता है और इसी का जीताजागता सबूत आज भाजपा के द्वारा की गयी आंदोलन की घोषणा है।

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