मोदी बोले, भ्रष्टाचार पर ऐक्शन कॉर्पोरेट से न जोड़ें

मोदी बोले, भ्रष्टाचार पर ऐक्शन कॉर्पोरेट से न जोड़ें
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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र ने केंद्रीय बजट से पहले सोमवार को देश के 10 दिग्गज कारोबारियों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इन कारोबारियों से अर्थव्यवस्था के समक्ष मुद्दों तथा ग्रोथ को बढ़ावा देने और रोजगारों का सृजन करने के उपायों पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि बैठक दोपहर बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित की गई।

इन कारोबारियों ने चर्चा में लिया हिस्सा
मोदी ने धैर्यपूर्वक इंडिया इंक में शामिल रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल, महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा, टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी, टीवीएस के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और एलएंडटी के अध्यक्ष ए.एम. नाईक तथा अन्य की बातें सुनीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को अपना दूसरा केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट में सबकी नजर विकास दर को बढ़ावा देने के उपायों पर होगी।

हमारे लक्ष्य बहुत बड़े
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य इस दशक का महज एक पड़ाव है और हमारे लक्ष्य और बड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘आईबीसी ईमानदार उद्यमियों का भविष्य बचाने का कानून है और इससे इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ।’

उद्यमियों की क्षमता कम आंकना सही नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘प्रस्तावित श्रम संहिता से मजदूरों तथा उद्योगपतियों दोनों को लाभ होगा। कुछ बेईमान और भ्रष्टाचारी लोगों पर कार्रवाई को लेकर सरकार को उद्योगपतियों के खिलाफ बताना दुष्प्रचार है।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय उद्यमियों की क्षमता को कम करके आंकना सही नहीं है। जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट पर अमल करते हुए उत्पाद बनाने होंगे तभी हमारा निर्यात बढ़ सकता है।’

डिजिटल पेमेंट की सफलता की भी चर्चा
ने डिजिटल पेमेंट की सफलता पर कहा, ‘वित्त वर्ष 2018-19 में यूपीआई से करीब नौ लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ और इस वित्त वर्ष में दिसंबर तक ही यह आंकड़ा 15 लाख करोड़ रुपये है।’

अर्थव्यवस्था में छाई है सुस्ती
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें सितंबर 2019 को उसने कॉर्पोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी पर लाने की घोषणा की थी। सरकार ने नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्र को घटाकर 15 फीसदी करने का ऐलान किया।

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