नोएडा SSP वायरल विडियो, योगी ने मांगी रिपोर्ट

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लखनऊ
मुख्यमंत्री ने नोएडा के एसएसपी के मामले का संज्ञान लेते हुए आईजी रेंज (मेरठ) आलोक सिंह से वायरल विडियो की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। वैभव ने जिन पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी, उन पर भी अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी से प्रमाण सहित रिपोर्ट मांग ली है। रिपोर्ट आने के बाद सीएम के स्तर से कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में एसटीएफ को भी मौखिक रूप से पड़ताल पर लगाया गया है।

वैभव ने बुधवार को आरोप लगाया था कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आने के बाद सीएम ने अपने दफ्तर, अपर मुख्य सचिव (गृह) व डीजीपी से गोपनीय रिपोर्ट पर जानकारी मांगी है।

रिश्वत लेते हुए इन्स्पेक्टर को किया था अरेस्ट
वैभव कृष्ण के एसएसपी नोएडा के पद पर तैनात होने के बाद से ही अफसरों की एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ हो गई थी। दरअसल, महकमे के बड़े अधिकारी वैभव कृष्ण की साफ व ईमानदार छवि के चलते उनकी नोएडा तैनाती के लिए तैयार नहीं थे लेकिन सीएम ने नोएडा में सबसे ईमानदार आईपीएस को तैनात करने के लिए वैभव कृष्ण को चुना था। इससे पहले वैभव कृष्ण एसएसपी गाजियाबाद भी रहे थे। नोएडा का चार्ज संभालते ही एसएसपी ने कई बड़े अफसरों के करीबी इंस्पेक्टर को कुछ पत्रकारों के साथ रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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गोपनीय रिपोर्ट के बाद बढ़ गई मुखालिफत
इसके बाद मनोज पंत के पक्ष में कई बड़े आईपीएस अफसरों ने वैभव कृष्ण से पैरवी की, लेकिन उनकी एक नहीं चली। इसके बाद एसएसपी नोएडा ने अग्निशमन विभाग में एनओसी के खेल व होमगार्ड विभाग में ड्यूटी के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए कई बड़े अफसरों को जेल भेजा। इससे उनकी खिलाफत और बढ़ गई। वैभव कृष्ण की गोपनीय रिपोर्ट के बाद उनकी खिलाफत और बढ़ गई।

इन पर साजिश का आरोप
वैभव के मुताबिक, उन्होंने एसएसपी (गाजियाबाद) सुधीर कुमार सिंह, एसपी (सुलतानपुर) हिमांशु कुमार, एसएसपी (एसटीएफ) राजीव नारायण मिश्र, एसपी (बांदा) गणेश साहा और एसपी (रामपुर) डॉ. के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी। एसएसपी ने साजिश के लिए इन्हीं अफसरों पर आरोप लगाए हैं। नोएडा का चार्ज लेते ही वैभव कृष्ण ने अग्निशमन-होमगार्ड विभाग के बड़े अफसरों, पुलिस और पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आरोप है कि इसी के बाद उनका विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर वैभव कृष्ण के तीन कथित आपत्तिजनक विडियो वायरल हुए थे। उन्होंने नोएडा सेक्टर-20 थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर आईजी रेंज (मेरठ) से इसकी जांच करवाने की अपील की थी।

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सीबीआई जांच करवाने की मांगआरटीआई ऐक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजा है। सीएम को भेजे पत्र में नूतन ने कहा है कि जब एसएसपी नोएडा ने इन पांचों अफसरों द्वारा तबादलों व तैनाती में 30 से 80 लाख के लेनदेन की शिकायतें अपर मुख्य सचिव गृह व डीजीपी से की थीं तो उनका संज्ञान न लिया जाना आपत्तिजनक है। नूतन ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि सभी आरोपित अफसर डीजीपी के खास माने जाते हैं। नूतन ठाकुर ने वैभव कृष्ण से जुड़े विडियो की जांच उनके जूनियर अफसर से करने के बजाए प्रदेश के बाहर की साइबर सेल से कराने की भी मांग की है।

मामले को लेकर क्या बोले अधिकारी?
एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण द्वारा जिले में पोस्टिंग के लिए लेन-देन से जुड़ी जांच रिपोर्ट के मामले में एसपी सुलतानपुर हिमांशु कुमार का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं कहना है। वहीं, एसपी एसटीएफ राजीव नारायण का कहना है कि जांच में उन्हें लेकर की गई टिप्पणी पूरी तरह से गलत है, जिस आरक्षी के बारे में कहा जा रहा है उसे एक लूट से जुड़े मामले के खुलासे के लिए संबद्ध किया गया था। एसपी बांदा गणेश कुमार साह का कहना है कि रिपोर्ट के बारे में एसएसपी नोएडा को ही जानकारी होगी। मुझे मीडिया के जरिए ही इसके बारे में पता चला है। रामपुर के एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा का कहना है कि रिपोर्ट के बारे में उच्च अधिकारियों द्वारा अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। रिपोर्ट आती है तो उच्च अधिकारी के समक्ष साक्ष्य उपलब्ध कराया जाएगा। हम कानून के रखवाले है, साजिश करके कानून का उल्लंघन नहीं कर सकते।

चार धाराओं में दर्ज कराया गया केस
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के मार्फ्ड विडियो वायरल को लेकर वह खुद पीड़ित बनकर सेक्टर-20 थाने में केस दर्ज करवाया है। इसमें पुलिस ने चार धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें मानहानि,साजिश और आईटी ऐक्ट के धारा लगाई गईं हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने शिकायत में बताया है कि बुधवार को तीन मार्फ्ड विडियो में उन्हें दर्शाया गया है। इसमें एक लड़की की आवाज के साथ कुछ आपत्तिजनक हरकत भी दिखाई गई है।

इन्स्पेक्टर मनोज पंत की गिरफ्तारी रही अहम30 अगस्त को एसएसपी वैभव कृष्ण ने सेक्टर-20 थाने में तीन कथित पत्रकारों के साथ मिलकर एक कॉल सेंटर संचालक से 8 लाख रुपये रिश्वत लेते तत्कालीन एसएचओ मनोज पंत और तीनों कथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह आरोपियों की सीडीआर जांच करवाई गई।

मेरठ पहुंची नोएडा पुलिस को फटकार
विडियो वायरल करने वाले कथित पत्रकार की मेरठ में जानकारी मिलने पर नोएडा के दो एसएचओ मेरठ गए थे। इस मामले में जब टीम वहां पहुंची तो पत्रकारों ने इसका विरोध किया। इस पर मेरठ रेंज के आईजी ने टीम को फटकार लगाते हुए वापस भेज दिया।

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