रोहिंग्याओं के बार-बार नरसंहार का खतरा: UN

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संयुक्त राष्ट्रम्यांमार पर तथ्यों का पता लगानेवाले संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख मरजुकी दारुस्मान ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ बार-बार नरसंहार होने का गंभीर खतरा है। दारुस्मान ने महासभा की मानवाधिकार समिति को मंगलवार को बताया कि रखाइन में रोहिंग्या समुदाय की स्थिति और खराब हुई है।

रोहिंग्याओं के खिलाफ नरसंहार की बात रिपोर्ट में
इंडिपेंडेंट इंटरनैशनल फैक्ट-फाइंडिंग मिशन ऑन म्यांमार ने पिछले महीने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार को रोहिंग्या के खिलाफ कथित नरसंहार के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी मंचों पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि साल 2017 में एक सैन्य अभियान के दौरान 7 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को पलायन करना पड़ा था। बांग्लादेश में रह रहे अधिकतर रोहिंग्या मुसलमानों का कहना है कि सैन्य कार्रवाई के दौरान उनसे बहुत अधिक क्रूरता बरती गई।

संगठन की ओर से जारी की गई संदिग्धों की सूची
दारुस्मान ने 193 सदस्यीय वैश्विक संस्था से मंगलवार को कहा कि मिशन ने रोहिंग्या के खिलाफ अपराधों के पीड़ितों एवं गवाहों के 1,227 साक्षात्कारों को विशेष रूप से स्थापित एक अन्य संयुक्त राष्ट्र समूह को हस्तांतरित किया। उन्होंने कहा कि इसमें कई अंतरराष्ट्रीय अपराधों में संलिप्तता के 150 से अधिक संदिग्धों की सूची शामिल है।

Source: International

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