अंशुला कांत बनी विश्व बैंक की पहली महिला प्रबंध निदेशक

अंशुला कांत बनी विश्व बैंक की पहली महिला प्रबंध निदेशक
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail
एक जमाना था जब वित्त और बैंकिंग के क्षेत्र पर पुरूषों का एकाधिकार माना जाता था, लेकिन धीरे धीरे महिलाओं की प्रतिभा की खुशबू बिखरने लगी और कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों में उन्हें शीर्ष स्तर की जिम्मेदारियां दी गईं। अंशुला कांत इस कड़ी में अगला नाम हैं, जिन्हें विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी नियुक्त किया गया है। भारत के लिए और खास तौर पर देश की महिलाओं के लिए पिछले दिनों गर्व करने का मौका आया, जब विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस ने अंशुला की सराहना करते हुए उन्हें बैंकिंग और आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी जोखिम, कोष, वित्त पोषण और नियामकीय अनुपालन एवं परिचालन जैसी नेतृत्व की चुनौतियों से निपटने में माहिर बताया। उन्होंने अंशुला को विश्व बैंक में एक बड़ा ओहदा दिए जाने का ऐलान करने के साथ बैंकिंग के क्षेत्र में अंशुला के 35 वर्ष के अनुभव से विश्व बैंक की कार्यकुशलता में वृद्धि होने की आशा जताई।

बैंकिंग के क्षेत्र में अंशुला को एक अनुभवी और प्रतिष्ठित अधिकारी के तौर पर देखा जाता है। भारतीय स्टेट बैंक में मुख्य वित्त अधिकारी के तौर पर उन्होंने बैंक के 30 अरब डालर के राजस्व और 500 अरब डालर की कुल परिसंपत्ति का कुशल प्रबंधन किया और उनके संचालन में एसबीआई के पूंजीगत आधार में सुधार होने के साथ ही उन्होंने बैंक की दूरगामी स्थिरता पर जोर दिया। सितंबर 2018 में अंशुला एसबीआई के प्रबंध निदेशक मंडल की सदस्य बनीं। पिछले कुछ वर्ष में उनके काम करने के तरीके और उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें एसबीआई की आधारस्तंभ के तौर पर देखा जाता है। उनके मार्गदर्शन में बैंक के कामकाज के सुगम संचालन में सहायता मिली। उन्होंने एसबीआई के जोखिम प्रबंधन, अनुपालन के साथ ही फंसे हुए कर्ज के मामलों को कुशलता से निपटाया। एसबीआई में विभिन्न जिम्मेदारियां संभालने के दौरान अंशुला ने कई चुनौतियों का सामना किया और उन पर बखूबी पार पायी।

7 सितंबर 1960 को रूड़की में जन्मीं अंशुला कांत ने 1978 में राजधानी के प्रतिष्ठित लेडी श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनॉमिक्स से 1981 में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। 1983 में उन्होंने प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर एसबीआई में कदम रखा और कदम दर कदम आगे बढ़ते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक पद पर पहुंचीं और बैंक के बोर्ड की सदस्य बनीं। अंशुला को देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने के साथ ही बैंकिंग सेवा में तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने अपनी प्रत्येक जिम्मेदारी को पूरी लगन और विश्वास से निभाया और अपने बैंकिंग करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। विश्व बैंक में अहम जिम्मेदारी मिलना अंशुला की उपलब्धियों की उजली श्रृंखला की सबसे चमकदार कड़ी है।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.